हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन करवा चौथ का व्रत रखा जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं निर्जला उपवास रख चंद्रमा की पूजा करती हैं। इसके साथ ही करवा चौथ पर भगवान शिव, मां पार्वती, गणेश और कार्तिकेय जी के अलावा करवा माता की पूजा का भी विधान है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, करवा चौथ का व्रत रखने और विधि-विधान के साथ पूजा करने से दांपत्य जीवन में मधुरता आती है और पति-पत्नी का रिश्त अटूट होता है। इसके अलावा पति की लंबी आयु के लिए भी करवा चौथ का व्रत रखा जाता है।
अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद पाने के लिए सुहागिन महिलाओं के विधिपूर्वक और शुभ मुहूर्त में ही करवा चौथ की पूजा करनी चाहिए। वहीं आपको बता दें कि इस साल करवा चौथ पर कई कई योग का शुभ संयोग बन रहा है। ऐसे में इस बार करवा चौथ की पूजा करने से कई गुना अधिक शुभ फलों की प्राप्ति होगी।
इन 3 शुभ योग में रखा जाएगा करवा चौथ का व्रत
इस साल करवा चौथ पर शिव, परिघ और सर्वाथ योग का संयोग बन रहा है। शिव योग 1 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 7 मिनट से रहेगा। मान्यताओं के अनुसार, शिव योग में पूजा करने से कई गुना अधिक शुभ फलों की प्राप्ति होती है। वहीं सर्थ सिद्धि योग सुबह 6 बजकर 33 मिनट से शुरू हो रहा है, जो अगले दिन सुबह 4 बजकर 36 मिनट तक रहेगा। परिघ योग सुबह से दोपहर 2 बजकर 7 मिनट तक है।
करवा चौथ व्रत 2023 पूजा मुहूर्त और चंद्रोदय का समय
- कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि प्रारंभ- 31 अक्टूबर को रात 9 बजकर 30 मिनट से
- कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि समापन- 1 नवंबर 2023 को रात 9 बजकर 19 तक
- करवा चौथ व्रत तिथि- 1 नवंबर 2023
- करवा चौथ व्रत पूजा मुहूर्त- 1 नवंबर को शाम 5 बजकर 44 मिनट से 7 बजकर 02 मिनट तक
- करवा चौथ 2023 चंद्रोदय का समय- 1 नवंबर 2023 को 8 बजकर 26 मिनट पर
करवा चौथ व्रत का महत्व
कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी उम्र के लिए करवा चौथ का व्रत किया जाता है। करवा चौथ व्रत का पारण चांद देखकर ही किया जाता है। इस व्रत में महिलाएं चांद की पूजा करती हैं और फिर पति के हाथ से पानी पीकर अपना व्रत खोलती हैं। करवा चौथ का व्रत करने से पति का साथ हमेशा बना रहता है, सौभाग्य की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।