भागलपुर के मारवाड़ी पाठशाला दुर्गापूजा पंडाल में इस बार दिखेगा वेटिकन सिटी पैलेस, तैयारी शुरू
दुर्गापूजा की तैयारी शुरू हो गयी है। इस बार मारवाड़ी पाठशाला में रोम के वेटिकन सिटी पैलेस जैसा पंडाल बन रहा है। जबकि पिछले साल यहां राम मंदिर का पंडाल बनाया गया था। पंडाल का निर्माण हावड़ा के कमल कुमार गिरी व सचिन गिरी के नेतृत्व में किया जा रहा है। पंडाल दस फीट चौंड़ा व 75 फीट लंबा होगा।
पहली बार बना था मैसूर पैलेस का पंडाल
सचिव बबन साहा ने बताया कि भागलपुर में पंडाल निर्माण की प्रथा जुबक संघ ने ही 1995 में अजंता सिनेमा के समीप मैसूर पैलेस बनाकर की थी। वर्ष 2000 में जब मां दुर्गा की प्रतिमा मारवाड़ी पाठशाला में बैठने लगी तो यहां बेलूर मठ का पंडाल बनाया गया था। यहां व्हाइट हाउस, दक्षिणेश्वर काली मंदिर, कर्नाटक विधानसभा, स्वर्ण मंदिर, राम मंदिर आदि के पंडाल बनाये जा चुके हैं।
1983 से जुबक संघ की ओर से की जा रही पूजा
उपसचिव विभू घोष ने बताया कि जुबक संघ की ओर से पहली बार अजंता सिनेमा के समीप पहली बार 1983 में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर पूजा की गयी थी। जबकि संघ की स्थापना 1958 में हुई थी। पहले मां सरस्वती की पूजा की जाती थी। उन्होंने बताया कि उस समय दुर्गा पूजा की शुरुआत अध्यक्ष अजीत चौधरी, सचिव रवींद्रनाथ डे, पूजा के मुख्य संरक्षक सपन साहा ने की। जो अब इस दुनिया में नहीं है।
डॉ. डीपी सिंह अध्यक्ष, डॉ. शांतनु कार्यकारी अध्यक्ष
जुबक संघ के अध्यक्ष डॉ. डीपी सिंह तो कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. शांतनु कुमार घोष है। मुख्य आयोजक जगदीश चंद्र मिश्रा है। मुख्य संयोजक डॉ. वीरेंद्र कुमार, डॉ. दिनेश प्रसाद, संतोष कुमार, मुख्य संरक्षक प्रवीण सिंह कुशवाहा, चेयर पर्सन प्रभात चौधरी, उपाध्यक्ष डॉ. मृत्युंजय चौधरी, मुकेश कुमार, डॉ. सोमेन चटर्जी, डॉ. आरपी सिंह, डॉ. कुमार सुनीत, डॉ. मनोज चौधरी, डॉ. अंजुम परवेज, डॉ. अजय कुमार सिंह, डॉ. बीके जयसवाल, डॉ. राजीव सिन्हा, डॉ. अरशद अहमद, डॉ. संजय कुमार शर्मा, डॉ. साजिद इजहार सहित अन्य शामिल हैं।
चार दिनों तक मां को लगता है भोग
मां दुर्गा को यहां चार दिनों तक भोग लगता है। सप्तमी को खिचड़ी, अष्टमी को खिचड़ी, नवमी को पुलाव व दशमी को चूड़ा-दही का भोग लगाया जायेगा। यहां भोग का वितरण हड़िया में किया जाता है। यहां पूजा बंगाली विधि-विधान से की जाती है। पुरोहित कालीचरण गांगुली के द्वारा पूजा संपन्न कराई जाएगी। मारवाड़ी पाठशाला का आकर्षक पंडाल देखने के लिए भागलपुर के आसपास जिले के लोग पहुंचते हैं।
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