भारत में क्रिकेट को एक धर्म माना जाता है। फैंस क्रिकेटर्स की एक झलक पाने के लिए बेकरार रहते हैं। लेकिन पिछले कुछ समय से भारतीय फुटबॉल टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया है। भारत ने हाल ही में सैफ चैंपियनशिप के फाइनल में कुवैत को हराकर खिताब जीता था। टीम के पास सुनील छेत्री जैसा सुपरस्टार खिलाड़ी मौजूद है। भारत का एक गांव ऐसा है, जहां फुटबॉल प्लेयर्स की फौज हो खड़ी हो गई है। दीपावली मिलन कार्यक्रम में नरेंद्र मोदी ने एक वाक्या सुनाया कि एक बार जब वह शहडोल गए तो उन्होंने एक लड़के से पूछा बेटा कहां से हो, जिस पर उस लड़के ने जवाब दिया मिनी ब्राजील से। तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिनी ब्राजील के बारे में बताया गया। आइए जानते हैं, क्या है ‘मिनी ब्राजील’ गांव की कहानी और यहां किस तरह पनपा फुटबॉल।
मिनी ब्राजील के नाम से फेमस है ये गांव
मध्य प्रदेश राज्य देश का दिल है। इस राज्य के शहडोल जिले से लगभग चार किलोमीटर दूर एक गांव है विचारपुर। यह गांव ही मिनी ब्राजील के नाम से फेमस है। विचारपुर को मिनी ब्राजील इसलिए कहा जाता है, क्योंकि यह गांव उभरते हुए फुटबॉल प्लेयर्स के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। इस गांव के हर घर में फुटबॉल प्लेयर्स मौजूद हैं। यहां से अब तक 40 से ज्यादा फुटबॉलर्स निकले हैं, जिन्होंने नेशनल और स्टेट लेवल पर अपनी छाप छोड़ी है। आने वाले दिनों में ये खिलाड़ी इंटरनेशनल फलक पर छाने के लिए तैयार हैं।
पूर्व नेशनल प्लेयर ने डाली नींव
करीब एक दशक पहले पूर्व नेशनल प्लेयर और कोच रईस अहमद ने यहां के युवाओं में फुटबॉल का बीज रोपा। अहमद ने युवा खिलाड़ियों की काबिलियत को पहचानकर उन्हें ट्रेनिंग दी और हीरे की तरह तराशा। उनके हौंसले से ही विचारपुर में फुटबॉल क्रांति की शुरुआत हुई। देखते-देखते विचारपुर गांव की फुटबॉल की वजह से पहचाने जाना लगा। अब शहडोल जिले के आसपास के कई क्लब बन चुके हैं, जहां अच्छा खेल खेलने के सभी संसाधन मौजूद हैं। रईस अहमद के द्वारा कई गई मेहनत अब रंग ला रही है। पूरे शहडोल जिले में लगातार फुटबॉल के मैच आयोजित किए जा रहे हैं, जिससे खिलाड़ियों को कंपटीशन मिल सके। खिलाड़ियों की फिटनेस और सेहत पर भी ध्यान दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ‘मन की बात’कार्यक्रम में शहडोल के मिनी ब्राजील के गांव का जिक्र किया।