मध्य प्रदेश में पांचवीं बार बीजेपी की सरकार बनने जा रही है। 2003 की तरह एक बार फिर से पार्टी को प्रचंड मिल रही है। 150 से अधिक सीट मध्य प्रदेश में बीजेपी जीत रही है। इसके साथ ही कांग्रेस के सारे अरमान टूट गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के अलावे मध्य प्रदेश में बीजेपी के लिए पांच ऐसे चेहरे दमखम के साथ काम कर रहे थे, जिनकी रणनीति के आगे कांग्रेस ढेर हो गई है। आइए आपको बताते हैं कि एमपी में किन चेहरों ने कांग्रेस के अरमानों पर पानी फेरा है।
नरेंद्र सिंह तोमर थे एमपी चुनाव के संयोजक
मध्य प्रदेश में बीजेपी ने चुनाव अभियान की शुरुआत तीन महीने पहले ही कर दी थी। चुनाव आयोग के संयोजक केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर थे। इसके बाद पार्टी ने उन्हें दिमनी विधानसभा सीट से उम्मीदवार भी बना दिया। चुनाव की सारी रणनीति नरेंद्र सिंह तोमर ही पर्दे के पीछे से बनाते रहे हैं।
भूपेंद्र यादव थे एमपी चुनाव में प्रभारी
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव एमपी चुनाव के प्रभारी थे। वह पीएम मोदी और अमित शाह के बेहद करीबी हैं। कुशल नेतृत्व में कई राज्यों में पार्टी को अहम सफलता दिलाई है। भूपेंद्र यादव एमपी में बीजेपी की तमाम कमजोर कड़ियों पर नजर रख रहे थे।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव थे सह प्रभारी
वहीं, केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव एमपी में चुनाव में सह प्रभारी थे। वह लगातार मध्य प्रदेश चुनाव को लेकर एमपी में कैंप कर रहे थे। हर जगह पर जाकर लगातार लोगों से मिलना। स्थानीय स्तर पर मिले फीडबैक के आधार पर पार्टी की रणनीति बना रहे थे।
वीडी शर्मा हैं प्रदेश अध्यक्ष
खजुराहो से सांसद और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ही एमपी में संगठन की कमान संभाल रहे थे। कार्यकाल खत्म होने के बाद भी दूसरी बार उन्हें मौका दिया गया था। पार्टी की उम्मीदों पर वीडी शर्मा खरे उतरे हैं। बीजेपी को प्रचंड जीत मिली है।
सीएम शिवराज सिंह चौहान
मध्य प्रदेश में बीजेपी ने चेहरा घोषित नहीं किया था। सामूहिक नेतृत्व में पार्टी चुनाव लड़ रही थी। लेकिन शिवराज सिंह चौहान फ्रंट फूट पर आकर बैटिंग कर रहे थे। वह अपनी जीत को लेकर आश्वस्त थे कि इस बार पार्टी जीतेगी। अकेले अपने बूते वह मोर्चा संभाले हुए थे। प्रदेश की जनता ने फिर से उन पर भरोसा जताया है।