नेशनल हाईवे पर गलत दिशा से वाहन चलाने वालों के खिलाफ सख्ती होगी। पटना हाई कोर्ट ने बिहार के डीजीपी आरएस भट्टी को सभी थानेदारों को लगातार पेट्रोलिंग करने एवं दोषी चालकों पर कार्रवाई के लिए निर्देश जारी करने का आदेश दिया है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति राजीव रॉय की खंडपीठ ने एनएच से संबंधित मामलों पर शुक्रवार को सुनवाई की। जिसके बाद यह आदेश दिया गया है।
पटना हाई कोर्ट ने कहा कि एनएच पर गलत दिशा से गाड़ी चलाने के कारण सही दिशा से आ रहे वाहन चालकों के सामने कई समस्या पैदा हो जाती है। इससे दुर्घटना होने की प्रबल संभावना रहती है। ऐसे में जानमाल की रक्षा और सुरक्षा करने का दायित्व सरकार का है। कोर्ट ने कार्रवाई के लिए डीजीपी को आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि सभी थानेदारों को गलत दिशा में चलनेवालों पर कार्रवाई करने का निर्देश जारी करें।
मालूम हो कि, पटना हाई कोर्ट में कई राष्ट्रीय राजमार्गों को लेकर सुनवाई हो रही थी। इसी दौरान महाधिवक्ता पीके शाही ने कोर्ट को बताया कि आरा-मोहनिया राष्ट्रीय राजमार्ग पर तीन रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण किया जाना है। स्थानीय लोगों ने सड़क किनारे अतिक्रमण कर लिया है। उनका कहना था कि राष्ट्रीय राजमार्ग जैसी सड़क पर स्थानीय लोगों के अतिक्रमण से चालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई लोग एनएच पर गलत दिशा में वाहन चलाते हैं, जिसका खामियाजा सही दिशा में वाहन चालाने वालों को भुगतना पड़ता है। जिसके बाद कोर्ट ने यह आदेश जारी किया है।
वहीं, हाई कोर्ट ने रोहतास जिले के डीएम को अतिक्रमण हटाने के बारे में कार्रवाई करने का आदेश दिया। साथ ही कोर्ट ने एनएचएआई को रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण कार्य कब तक पूरा हो जाएगा इस बारे में हलफनामा दायर करने का भी आदेश दिया है। लेकिन, सबसे बड़ा आदेश सूबे के डीजीपी को ही जारी किया गया है।
उधर, महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि पटना- बख्तियारपुर एनएच का पूरा निर्माण किये बिना टोल टैक्स की वसूली की जा रही हैं। उनका कहना था कि 64 किलोमीटर लम्बे एनएच पर सर्विस लेन नहीं है। यही नहीं एनएच किनारे कही भी ड्रेनेज सिस्टम नहीं है। कोर्ट ने इस बारे में भी एनएचएआई को हलफनामा दायर कर स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया है।