राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के प्रमुख सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को गोली मारने वाले जानते ही नहीं थे कि वे किसका मर्डर करने जा रहे हैं। इसका खुलासा गिरफ्तार किए गए आरोपी ने पुलिस की पूछताछ में किया है। आरोपियों ने बताया कि वारदात वाले दिन गोगामेड़ी की फोटो दिखाई गई थी। मर्डर करने से एक दिन पहले आरोपियों ने एनिमल फिल्म देखी। जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई गिरोह के वीरेंद्र ने गोगामेड़ी की हत्या के लिए नितिन को सुपारी दी थी। नितिन को यह पता नहीं था कि वह किसी हत्या करने जा रहा है।
वारदात वाले दिन दिखाई थी गई थी फोटो
पुलिस की जांच में सामने आया कि लॉरेंस ग्रुप के राजस्थान में सक्रिय गुर्गे वीरेंद्र ने ही दोनो शूटरों से संपर्क किया था और उसने नितिन और रोहित राठौर को गोगामेड़ी की हत्या का टास्क दिया था। नितिन को गोगामेड़ी के बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं थी। वीरेंद्र ने घटना के दिन ही नितिन को सुखदेव सिंह गोगामेडी की फोटो दिखाई गई थी और उसे बस यही बताया था कि एक बड़ी वारदात करनी है।
जयपुर पुलिस कमिश्नर ने बनाई थी स्पेशल टीम
आरोपियों को दबोचने के लिए जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ़ ने टीम बनाई थी। सर्विलांस को वे खुद मॉनिटर कर रहे थे। स्पेशल टीम के सिलेक्शन से लेकर सारी स्पॉट डिटेक्शन बीजू जॉर्ज जोसफ़ की थी।
चंडीगढ़ से तीन आरोपी गिरफ्तार
बता दें कि दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने राजस्थान पुलिस के साथ एक संयुक्त अभियान के तहत ‘श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना’ के प्रमुख सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या में संलिप्तता के आरोप में चंडीगढ़ से तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने बताया कि इन तीन आरोपियों में से दो वे लोग शामिल हैं, जिन्होंने गोगामेड़ी पर गोलियां चलाई थीं। गोगामेड़ी की पांच दिसंबर को जयपुर में उनके आवास के बैठक कक्ष में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना की एक सीसीटीवी फुटेज में हमलावर गोगामेड़ी पर कथित तौर पर गोलियां चलाते दिख रहे थे।
यहां के रहने वाले हैं आरोपी
पुलिस ने गोली चलाने वाले दोनों आरोपियों की पहचान जयपुर के रोहित राठौड़ और हरियाणा के महेंद्रगढ़ के नितिन फौजी के रूप में की थी और उनकी गिरफ्तारी में मददगार सूचना देने वाले को पांच लाख रुपये नकद इनाम देने की घोषणा की थी। दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने रविवार को बताया कि अपराध शाखा की एक टीम ने राजस्थान पुलिस के साथ संयुक्त अभियान चलाकर दोनों को चंडीगढ़ के सेक्टर 22 से पकड़ लिया। आरोपियों के साथ उनका एक और सहयोगी उधम सिंह भी था और उसे भी पकड़ लिया गया।