‘केके पाठक का विरोध करने वाले गरीब-दलित-अल्पसंख्यक विरोधी’ मांझी बोले- ये थोड़े ना चाहेंगे कि यह तबका पढ़े
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले पूर्व सीएम जीतन राम मांझी इन दिनों केके पाठक के काम की खुलकर सराहना कर रहे हैं। आज दूसरे दिन भी मांझी ने केके पाठक के काम की प्रशंसा की और केके पाठक का विरोध करने वाले लोगों को दलितों, गरीबों और अल्पसंख्यकों का विरोधी बताया है। मांझी ने कहा है कि ऐसे लोग कभी नहीं चाहते कि गरीबों के बच्चे पढ़ लिखकर आगे बढ़े।
दरअसल, सोशल मीडिया के जरिए हर दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की क्लास लगाने वाले जीतन राम मांझी नीतीश को लेकर सॉफ्ट नजर आ रहे हैं। मांझी के निशाने पर पिछले कुछ दिनों से न तो नीतीश हैं और ना ही महागठबंधन। मांझी इन दिनों केके पाठक के काम की खुलकर सराहना कर रहे हैं और कह रहे हैं कि केके पाठक अद्वितीय काम कर रहे हैं।
बीते गुरुवार को मांझी ने X पर लिखा कि वैसे तो केके पाठक शिक्षा के दिशा में अद्वितीय काम कर रहें हैं। पर यदि वह एक काम और कर दें तो शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक सुधार हो जाएगा। मुख्य सचिव का बच्चा हो या चपरासी का, विधायक का बच्चा हो या मंत्री का, सरकार से वेतन उठाने वालों के बच्चे सरकारी स्कुल में ही पढेगें।
शुक्रवार को भी मांझी ने केके पाठक का समर्थन किया और एक्स पर लिखा, ‘के के पाठक का विरोध करने वाले गरीब, दलित, अल्पसंख्यक विरोधी है। क्योंकि सरकारी विद्यालयों में अधिकांश इन्हीं तबके के छात्र/छात्रा, खासकर भुंईयां/मुसहर तबके के विद्यार्थी ही पढने आते हैं। अब दलित, गरीब, अल्पसंख्यक विरोधी थोड़े ना चाहेंगे कि ये तबका पढ़े’।
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