बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद जारी हिंसा के बीच भारत में घुसपैठ की लगातार कोशिश हो रही है। पिछले दिनों बड़ी संख्या में बांग्लादेशी नागरिक बिहार के किशनगंज सीमा पर पहुंच गए थे और भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश कर रहे थे हालांकि बीएसएफ के जवानों ने उन्हें वहां से लौटा दिया था। भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश को एक बार फिर से बीएसएफ ने नाकाम कर दिया है।
दरअसल, शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के कूच बिहार में बांग्लादेश-भारत की सीमा पर घुसपैठ की कोशिश कर रहे हजारों लोगों को बीएसएफ की गुवाहाटी फ्रंटियर ने वापस भेज दिया। बीएसएफ के मुताबिक, करीब एक हजार लोग जिसमें अधिकांश हिंदू थे, भारत में शरण लेने के लिए पहुंचे थे। बीएसएफ ने तुरंत इसकी जानकारी बॉर्डर गार्ड्स बांग्लादेश को दी। एक हजार से अधिक लोग बांग्लादेश के लालमोनिरहाट जिले की सीमा से करीब चार सौ मिटर दूर जमा हो हुए थे।
इससे पहले बीते 8 अगस्त को बांग्लादेश में हिंसा की घटना के बाद अब सैकड़ों बांग्लादेशी अचानक वहां से भागकर भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर पहुंच गये और किशनगंज के रास्ते भारत में घुसने की कोशिश कर रहे थे। नॉर्थ बंगाल फ्रंटियर के 2 BPO में बांग्लादेशियों ने घुसपैठ की कोशिश की थी लेकिन सुरक्षा में लगे जवानों ने उन्हें समझा-बुझाकर वापस बांग्लादेश भेज दिया था। एक बांग्लादेशी भी बॉर्डर से ना घुस पाये इसे लेकर सुरक्षा बलों को अलर्ट किया गया है।
उधर, बांग्लादेश में मौजूदा हालात को लेकर भारत सरकार पूरी तरह से अलर्ट है। बांग्लादेश से सटी देश की सभी सीमा पर एसएसबी और बीएसएफ को अलर्ट मोड में रखा गया है। इसी बीच केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सीमा पर नजर रखने के लिए सरकार ने एक कमेटी का गठन किया है।कमेटी सीमा पर हालात पर नजर बनाए रखेगी और सरकार को पल-पल की अपडेट देगी। कमेटी बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के हालात का जायजा लेगी। सीमा सुरक्षा बल के पूर्वी कमान के एडीजी को इस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है।