नई शिक्षा नीति से परेशान शिक्षक और शिक्षक अभ्यर्थी सड़क पर उतर गए हैं. पटना के गर्दनीबाग में मंगलवार (11 जुलाई) को 20 हजार से अधिक नियोजित शिक्षक और शिक्षक अभ्यर्थी पहुंचे. बिहार शिक्षक संघर्ष मोर्चा की ओर से नई शिक्षक नियमावली 2023 को लेकर विरोध जताया जा रहा है. आज शिक्षक और शिक्षक अभ्यर्थियों की ओर से विधानसभा का घेराव किया जाएगा. रोकने के लिए काफी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है.
गर्दनीबाग स्थित धरनास्थल के पास चार गेट हैं और सबको पूरी तरह पैक कर दिया गया है. जो भी धरना देने वाले हैं उन्हें जाने तो दिया जा रहा है लेकिन वहां से बाहर नहीं आने दिया जा रहा है. शिक्षकों ने बताया कि हम लोगों की पुरानी मांग है. नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दें, लेकिन राज्य सरकार सभी को बीपीएससी से परीक्षा देने की बात कर रही है वह हमें मंजूर नहीं है.
सड़क से लेकर सदन तक ईंट से ईंट बजा देंगे
नियोजित शिक्षकों के साथ सीटीईटी, बीटीईटी के अभ्यर्थी भी इस आंदोलन में जुड़े रहे. उन्होंने कहा कि हम लोगों की जिस नियमावली के तहत परीक्षा ली गई थी उस पर बहाल किया जाए. हम लोगों के बाद वालों को राज्य सरकार बीपीएससी से बहाली ले इससे कोई दिक्कत नहीं है. डोमिसाइल नीति को लेकर भी हंगामा किया. शिक्षकों ने कहा कि आज हम लोग काफी संख्या में यहां पहुंचे हैं. अगर सरकार हमारी बात नहीं मानेगी तो सड़क से लेकर सदन तक ईंट से ईंट बजा देंगे. सरकार को हम लोगों की बात माननी पड़ेगी. हम लोग भी बीपीएससी की परीक्षा नहीं देंगे. हमें राज्यकर्मी का दर्जा सरकार को देना होगा.
बता दें कि 2023 की नई शिक्षक बहाली नियमावली में बीपीएससी से परीक्षा पास करने वाले शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाएगा. इसके लिए आवेदन भी शुरू हो चुका है. अगस्त में परीक्षा भी होगी. दिसंबर के अंत तक रिजल्ट भी घोषित करने का बीपीएससी ने दावा किया है. इधर शिक्षक और शिक्षक अभ्यर्थियों का प्रदर्शन जारी है.