पटना: बिहार सरकार के सार्थक प्रयासों से राज्य की महिलाएं आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बन रही हैं। बिहार महिला उद्योग संघ (BMWA) से जुड़कर हजारों महिलाएं न सिर्फ सफल उद्यमी बन रही हैं, बल्कि अपने कारोबार को भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचा रही हैं।
BMWA से जुड़ी ‘रिवाइवल फुटवियर’ की फाउंडर सजिया कैसर जूते के व्यापार से जुड़ी हैं। उनका मानना है कि बिजनेस एक जेंडर-न्यूट्रल क्षेत्र है, और बिहार सरकार की नई पहल ने महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए सशक्त मंच दिया है। शुरुआत में व्यापारिक समझ और नेटवर्किंग की कमी के कारण उन्हें चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन महिला उद्योग संघ से जुड़ने के बाद उनका कारोबार तेजी से बढ़ा।
सरकार से मिला बड़ा मंच, महिलाओं को मिल रहा लाभ
सजिया बताती हैं कि बिहार महिला उद्योग संघ ने हजारों महिलाओं को एक बड़ा प्लेटफॉर्म दिया है, जिससे छोटे से लेकर बड़े कारोबार तक को पहचान और सम्मान मिल रहा है। स्टार्टअप शुरू करने वाली महिलाओं को भी यहां से सही मार्गदर्शन और समर्थन मिल रहा है। पहले जहां उनका टर्नओवर शून्य था, वहीं अब साल में आयोजित मेलों के जरिए उनके व्यापार को लाखों रुपये का फायदा हो रहा है।
BMWA की सदस्य और ‘शिल्प श्री प्राइवेट लिमिटेड’ की संस्थापक माला बताती हैं कि 2002 में उन्होंने शिल्पकला के क्षेत्र में काम शुरू किया था, लेकिन 2005 में महिला उद्योग संघ से जुड़ने के बाद उनके व्यापार को सही दिशा मिली। सरकारी और गैर-सरकारी मेलों में भाग लेकर उन्होंने बाजार में अपनी खास पहचान बनाई। शुरुआत में उनका टर्नओवर 10 लाख रुपये था, जो अब बढ़कर 80-90 लाख रुपये हो गया है। इतना ही नहीं, उन्होंने 300 से अधिक महिलाओं को रोजगार देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया है।
माला ने हाल ही में फिलिपींस में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय मेले में बिहार की शिल्पकलाओं की प्रदर्शनी लगाई, जिससे स्थानीय कारीगरों के उत्पादों को वैश्विक स्तर पर पहचान मिली। वह बताती हैं कि बिहार महिला उद्योग संघ से जुड़ी हर महिला अपने साथ हजारों अन्य महिलाओं को भी स्वावलंबन की राह पर ले जा रही है।
महिला उद्योग संघ के जरिए छोटे उद्योगों को वैश्विक बाजार तक पहुंचाने का सपना साकार हो रहा है। बिहार सरकार की इस पहल ने महिलाओं को आर्थिक मजबूती दी है और उन्हें उद्यमिता के क्षेत्र में आगे बढ़ने का आत्मविश्वास भी।
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