लता मंगेश्कर के गाने के जरिए पीएम मोदी का संयुक्त विपक्ष पर निशाना, कहा- एक चेहरे पर कई चेहरे लगा लेते हैं लोग

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त विपक्ष की बैठक पर निशाना साधने के लिए लता मंगेश्कर के गाने ‘एक चेहरे पर कई चेहरे लगा लेते हैं लोग’ का इस्तेमाल किया। पीएम मोदी ने मंगलवार को वर्चुअली पोर्ट ब्लेयर में वीर सावरकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी ने संयुक्त विपक्ष पर जमकर निशाना साधा।

पोर्ट ब्लेयर में वीर सावरकर हवाई अड्डे पर नए टर्मिनल के उद्घाटन के अवसर पर बोलते हुए प्रधान मंत्री ने विपक्षी सभा की आलोचना करने के लिए कविता का भी इस्तेमाल किया और विपक्ष की एकता को स्वार्थी उद्देश्यों को पूरा करने के लिए एकता का प्रदर्शन बताया।

पीएम मोदी ने अवधि कविता की पंक्तियों के जरिए भी साधा निशाना

बेंगलुरु में विपक्ष के हंगामे पर कटाक्ष करते हुए पीएम मोदी ने एक अवधि कविता की पंक्तियां पढ़ीं। उन्होंने कहा,

“गायित कुछ है, हाल कुछ है, लेबल कुछ है और माल कुछ और है”

पीएम मोदी ने कहा कि ये पंक्तियां बेंगलुरु में एक साथ आए विपक्षी दलों पर बिल्कुल फिट बैठती हैं। उन्होंने इस पंक्ति का अर्थ समझाते हुए कहा कि वे (विपक्ष) गाते कुछ हैं लेकिन उनकी स्थिति कुछ और है, लेबल कुछ और होता है और प्रोडक्ट कुछ और है।

पीएम मोदी बोले- इनका एकमात्र एजेंडा अपने परिवार का विकास है

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विपक्षी दलों के लिए देश का विकास कोई मायने नहीं रखता, जिनका एकमात्र एजेंडा अपने परिवार का विकास है। उन्होंने कहा कि भगवा खेमे के खिलाफ एकजुट होने वाली पार्टियों का एक ही आदर्श वाक्य है- परिवार पहले, राष्ट्र कुछ नहीं।

पीएम मोदी ने कहा कि आज देश के लोगों ने पहले ही तय कर लिया है कि 2024 में हमारी सरकार फिर से आएगी। फिर भी, जो लोग भारत की खराब दुर्दशा के लिए जिम्मेदार हैं, उन्होंने अपनी दुकानें स्थापित कर ली हैं। 24 के लिए 26 होने वाले राजनितिक दल 2024 चुनाव के लिए एकजुट हो रहे हैं। एक सुर में गाना गा रहे हैं लेकिन हकीकत कुछ और है। उनकी दुकान पर दो उत्पादों की गारंटी है। एक, वे जातिवाद का जहर बेचते हैं। दो, वे असीमित भ्रष्टाचार करते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्षी दल देश के लोकतंत्र और संविधान को बंधक बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘नफ़रत है, घोटाले हैं, तुषीकरण है, मन काले हैं, परिवारवाद की आग दशको से देश के हवाले हैं…।’

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