वर्ल्ड कप 2023 के 38वें मुकाबले में बांग्लादेश के खिलाफ श्रीलंका के बल्लेबाज एंजेलो मैथ्यूज को टाइम आउट करार दिया गया। इंटरनेशनल क्रिकेट के इतिहास में पहली बार कोई बल्लेबाज ऐसे आउट हुआ। कई सारे सवाल उठ रहे थे लेकिन अगर नियमों की मानें तो उस हिसाब से अंपायर्स की कोई गलती नहीं थी। पर जब बाती आती है खेल भावना की तो उस लिहाज से बांग्लादेश के कप्तान शाकिब अल हसन पर निशाना साधा जा रहा है। उसी बीच एक 16 साल पुराना मामला सामने आया है जहां सौरव गांगुली टाइम आउट होते-होते बच गए थे।
6 मिनट लेट होकर भी बच गए थे गांगुली…
दरअसल वो वाकया था 2007 में भारत और साउथ अफ्रीका के बीच खेले जा रहे एक टेस्ट मैच का। इस मैच में भारतीय बल्लेबाज सौरव गांगुली को पवेलियन से क्रीज तक आने और अगली गेंद खेलने में 6 मिनट लग गए थे। पर तत्कालीन साउथ अफ्रीका के कप्तान ग्रीम स्मिथ ने अपने रिएक्शन से दिल जीत लिया था। उन्होंने इस पर कोई भी अपील करने से मना कर दिया था। इस कारण गांगुली 6 मिनट लेट होकर भी बच गए थे। पर यहां शाकिब ने अपील वापस नहीं ली इस कारण मैथ्यूज को आउट दे दिया गया। आईसीसी ने इस नियम को समझाते हुए अपनी रिपोर्ट में 2007 के इस कांड का जिक्र किया।
शाकिब ने नहीं वापस ली अपील
ताजा मामले की बात करें तो बांग्लादेश के कप्तान शाकिब अल हसन ने फील्ड अंपायर मराइस एरसमस से अपील की। इसके बाद एरसमस ने साथी अंपायर रिचर्ड इलिंगवर्थ से बात की और शाकिब से दोबारा पूछा कि क्या वह सच में अपील कर रहे हैं। इस पर बांग्लादेश के कप्तान ने कहा कि वह बिल्कुल सीरियस हैं। फिर जब अंपायर ने ऐसे आउट दिया तो एंजेलो मैथ्यूज ने शाकिब से बात की और उन्हें हेलमेट की समस्या बताई। पर शाकिब ने रिएक्ट किया कि उन्हें कुछ नहीं पता अंपायर्स जानें।
अब एक बार फिर से खेल भावना को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं। ऐसा ही कुछ साल पहले मांकडिंग को लेकर विवाद खड़ा हुआ था। साउथ अफ्रीका के पूर्व खिलाड़ी डेल स्टेन ने इसको लेकर पोस्ट करते हुए लिखा कि, यह सही नहीं था (That Wasn’t Cool), इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने भी इसको लेकर लिखा कि, हेलमेट इश्यू पर टाइम आउट देना यह नई बात है।