तिरुपति लड्डू विवाद का मामला गहराता जा रहा है। गुरुवार को लड्डू में जानवर की चर्बी और फिश ऑयल की पुष्टि होने के बाद आंध्रप्रदेश के साथ सात पूरे देश की सियासत गरमा गई है। इसी बीच पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआरसीपी हाई कोर्ट पहुंच गई है और मुक्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच हाई कोर्ट के जजों की कमेटी से कराने की मांग की है।
तिरुपति मंदिर के प्रसाद में फिश ऑयल मिलाने की पुष्टि होने के बाद हड़कंप मच गया है। सीएम चंद्रबाबू नायडू ने तिरुपति मंदिर के प्रसाद में घी की जगह जानवरों की चर्बी इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था। इसके बाद प्रसाद के सेंपल जांच के लिए भेजे गए थे। रिपोर्ट में फिश ऑयल मिलने की पुष्टि हुई है।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने पिछले दिनों पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि जगन मोहन राज में तिरुपति मंदिर के प्रसाद में घी की जगह जानवरों की जर्बी मिलाई गई। सीएम चंद्रबाबू नायडू के आरोपों के समर्थन में उनकी पार्टी टीडीपी ने गुजरात की एक लैब रिपोर्ट पेश किया था जिसमें इस बात की पुष्टि की गई थी कि तिरुपति लड्डू में जानवरों की चर्बी और मछली के तेल का इस्तेमाल किया जाता है।
हाई कोर्ट में YSRCP की तरफ से उपस्थित वकील ने अपने पक्ष को रखा और सीएम चंद्रबाबू नायडू के आरोपों का जिक्र करते हुए उनके आरोपों की जांच हाईकोर्ट के जज या हाईकोर्ट की तरफ से नियुक्त कमेटी से कराने की मांग की। जिस पर हाई कोर्ट की बेंच ने कहा कि बुधवार को इस मामले में जनहित याचिका दायर करें, हम आपकी दलीलें सुनेंगे।