ग्रामीण भारत को सशक्त करने के लिए KVIC अध्यक्ष ने बिहार के कारीगरों को बांटे मशीनरी और टूलकिट

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रहे ‘आत्मनिर्भर और विकसित भारत अभियान’ को नयी ऊर्जा और शक्ति देने के लिए खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC), सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार के अध्यक्ष मनोज कुमार ने ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत पटना स्थित चंद्रगुप्त इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में मशीनरी और टूलकिट तथा नये प्रशिक्षुओं को गुरुवार (25 जनवरी 2024) को प्रमाण-पत्र का वितरण किया।

वितरण कार्यक्रम के दौरान कुम्हार सशक्तिकरण योजना के तहत बिहार के विभिन्न जनपदों से आए 100 कुम्हारों को ट्रेनिंग के बाद विद्युत चालित चॉक, 100 लेदर की मशीनें, 20 ऑटौमैटिक अगरबत्ती मशीन, 20 पैडल ऑपरेटेड अगरबत्ती मशीन, 20 वेस्टवुड और 60 प्लंबर टूलकिट के साथ ही 100 से अधिक नये प्रशुक्षिओं को टूलकिट का वितरण किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अध्यक्ष केवीआईसी मनोज कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और प्रयासों से कारीगरों को आधुनिक ट्रेनिंग और टूलकिट प्रदान किया जा रहा है।

केवीआईसी ग्रामीण कारीगरों को आधुनिक बनाने के साथ-साथ माननीय प्रधानमंत्री के ‘विकसित भारत अभियान’ से भी जोड़ रहा है। ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत केवीआईसी ने अभी तक 27 हजार से अधिक कुम्हार भाइयों और बहनों को विद्युत चालित चॉक का वितरण किया है, जिससे 1 लाख से अधिक कुम्हारों के जीवन में बड़ा बदलाव आया है। इसी योजना के तहत 6000 से अधिक टूलकिट और मशीनरी का वितरण किया गया है, जबकि हनी मिशन योजना के अंतर्गत अभी तक 20,000 लाभार्थियों को 2 लाख से अधिक हनी बी-बॉक्स और बी कॉलोनी का वितरण किया गया है।

बिहार में केवीआईसी ने अभी तक 1085 मधुमक्खी पालकों को 10,850 बी-बॉक्स, 1120 कुम्हारों को विद्युत चालित चॉक, अगरबत्ती निर्माण से जुड़े 140 कामगारों को पैडल ऑपरेडेट और 20 को ऑटोमैटिक मशीन, 445 कारीगरों को लेदर टुलकिट, 20 को वेस्टवुड क्राफ्ट टूलकिट और 20 को प्लंबर टूलकिट बांटे हैं। लाभार्थियों को उपकरण देने के साथ ही केवीआईसी उन्हें उनके उत्पादों के लिए बाजार भी उपलब्ध करा रहा है।

कारीगरों से अपने विचार साझा करते हुए केवीआईसी अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि मोदी सरकार की गारंटी ने भारत के आर्थिक विकास में क्रांतिकारी परिवर्तन किया है। इसका सबसे ज्यादा असर पूज्य बापू की विरासत खादी पर पड़ा है। पिछले 9 वर्षों में ‘नये भारत की नयी खादी’ ने ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ को नयी दिशा दी है। जिसके परिणाम स्वरूप इस कालखंड में खादी उत्पादों की बिक्री में चार गुना से अधिक की बिक्री दर्ज की गई है। खादी की उत्पादन और बिक्री बढ़ने से ग्रामीण भारत के कारीगर आर्थिक रूप से समृद्ध हुए हैं।

उन्होंने आगे बताया है कारीगरों की पारिश्रमिक में पिछले 9 वर्षों में 233 फीसदी से अधिक की वृद्धि ने कारीगरों को खादी के काम की ओर आकर्षित किया है। मोदी सरकार की गारंटी ने भारत की खादी को वैश्विक ब्रांड बन दिया है। उन्होंने आगे कहा कि बिहार में कुल 76 खादी संस्थाएं कार्यरत हैं। वर्ष 2022-23 में इन संस्थाओं ने लगभग 39.20 करोड़ रुपये का उत्पादन और लगभग 81.67 करोड़ रुपये की बिक्री दर्ज की। इसके माध्यम से यहां पर 6 हजार से अधिक खादी कारीगरों को रोजगार प्रदान किया गया।

इसी तरह से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत बिहार में अबतक 41,072 नयी इकाइयों की स्थापना की गयी जिससे 3,08,241 नये रोजगार का सृजन हुआ है। पीएमईजीपी के तरह बिहार में अभीतक 1,107.88 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी सब्सिडी का वितरण भारत सरकार ने अभी तक किया है।

इस अवसर पर मनोज कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘मेक इन इंडिया’ मंत्र ने खादी को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाई है। पिछले 9 वर्षों में खादी और ग्रामोद्योगी उत्पादों का कारोबार 1.34 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है, जबकि इस दौरान 9.50 लाख से अधिक नये रोजगार का सृजन हुआ है। वितरण कार्यक्रम में खादी संस्थाओं के प्रतिनिधि, खादी कार्यकर्ता और कारीगर, ग्रामोद्योग विकास योजना के लाभार्थियों समेत बैंकों के प्रतिनिधि, केवीआईसी और बिहार सरकार के अधिकारी और कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

Rajkumar Raju: 5 years of news editing experience in VOB.