भंडारण केंद्रों में खाद्य सुरक्षा को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने वीडियो निगरानी प्रणाली स्थापित करने का फैसला किया है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने अपने 561 भंडारण केंद्र (डिपो) में लगभग 23,750 कैमरे लगाने की योजना बनाई है। सरकारी स्वामित्व वाली एफसीआई ने यह योजना खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग की 100 दिन की उपलब्धियों के तौर पर बनाई है, जिसके तहत वह भंडारण केन्द्रों में आधुनिक आईपी-आधारित वीडियो निगरानी प्रणाली को अपग्रेड कर रहा है।
भंडारण केन्द्रों पर निगरानी करने की क्षमताओं में होगी वृद्धि
उपभोक्ता, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मामलों के मंत्रालय ने मंगलवार को जारी एक बयान में बताया कि इस नए आईपी-आधारित प्रणाली के कार्यान्वयन से उच्च रिजॉल्यूशन इमेजिंग, बेहतर स्केलेबिलिटी और रिमोट एक्सेस माध्यम से निगरानी करने की क्षमताओं में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। ये नए निगरानी सिस्टम में लगाए गए सीसीटीवी कैमरे ऑनबोर्ड एनालिटिक्स सुविधाओं जैसे कैमरा टेम्परिंग, कैमरा फील्ड ऑफ व्यू चेंज, कैमरा ब्लर या आउट ऑफ फोकस, मोशन डिटेक्शन और ट्रिप वायर आदि को सपोर्ट करेंगे।
कैमरों का लाइव वेब फीड भारतीय खाद्य निगम की वेबसाइट पर उपलब्ध
मंत्रालय के मुताबिक पिछले कुछ वर्षों में एफसीआई ने विभिन्न डिपो में सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं, ताकि उनकी प्रभावी निगरानी सुनिश्चित की जा सके। भारतीय खाद्य निगम ने वित्त वर्ष 2013-14 में 61 डिपो में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे, जिनकी संख्या वित्त वर्ष 2014-15 में बढ़कर 67 हो गई। यह 2018 तक एफसीआई के कुल 446 डिपो तक विस्तारित हो गई। फिलहाल एफसीआई की 516 डिपो सीसीटीवी की निगरानी में हैं। इन कैमरों का लाइव वेब फीड भारतीय खाद्य निगम की वेबसाइट पर “अपना डिपो देखें” टैब में उपलब्ध है।
देशभर में बफर स्टॉक बनाए रखने की है जिम्मेदारी
उल्लेखनीय है कि भारतीय खाद्य निगम भारत के खाद्यान्न प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण है, जो खाद्यान्न की खरीद, भंडारण और वितरण में अहम भूमिका निभाता है। एफसीआई की ये दक्षता न केवल देश की खाद्य सुरक्षा को बढ़ाती है, बल्कि कृषि विकास का भी समर्थन करती है। इसके कई कार्यों में से सार्वजनिक वितरण प्रणाली और भारत सरकार की शुरू की गई विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए भंडारण महत्वपूर्ण है, यह सुनिश्चित करता है कि देशभर में बफर स्टॉक बनाए रखा जाए।