देश में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। ठंड से बचने के लिए युवकों ने चलती ट्रेन में ही अलाव जला दिया, जिससे यात्रियों और रेलवे प्रशासन में हड़कंप मच गया। रेलवे प्रशासन ने कोच से उठता धुआं को देखकर ट्रेन रोक दी और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस घटना के सामने आने के बाद साल 1980 में बनी फिल्म द बर्निंग ट्रेन की याद आ गई है। आइये जानते हैं कि क्या है पूरा मामला?
यह घटना पूर्वोत्तर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस (14037) के जनरल डिब्बे की है। यह ट्रेन असम के सिलचर से नई दिल्ली जा रही थी। सर्दी से बचने के लिए दो युवक एक्सप्रेस के जनरल कोच के अंदर ही उपले जलाकर हाथ सेंकने लगे। यूपी के अलीगढ़ के पास डिब्बे से धुआं उठता देख आरपीएफ के जवानों ने इसकी सूचना दी। इसके बाद लोको पायलट ने ट्रेन रोक दी। पुलिस जनरल कोच के अंदर घुसे और पूछताछ के बाद दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
हजारों यात्रियों की जान को जोखिम में डाला
फरीदाबाद के रहने वाले चंदन कुमार और देवेंद्र सिंह ने चलती ट्रेन में उपले से आग जलाने की घटना को अंजाम दिया। 20 साल के दोनों आरोपियों ने संपर्क क्रांति सुपरफास्ट एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे हजारों यात्रियों की जान को जोखिम में डाल दिया। गिरफ्तार होने के बाद दोनों युवकों ने पुलिस को बताया कि डब्बे के अंदर ठंड काफी ज्यादा थी। हम लोगों का मकसद ट्रेन में आग लगाना नहीं था, बल्कि हमने सिर्फ सर्दी से बचने के लिए अलाव जलाया था।
पुलिस ने कई यात्रियों को भी हिरासत में लिया था
अलीगढ़ आरपीएफ के पोस्ट कमांडर राजीव शर्मा ने बताया कि कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है। अब सबसे बड़ा सवाल उठता है कि ये लोग कैसे उपले लेकर ट्रेन के अंदर आ गए थे, जबकि रेलवे स्टेशन के आसपास ज्वलनशील चीजें नहीं बेची जाती हैं। जांच के बाद पता चला है कि ये आरोपी अपने साथ ही उपले लेकर ले आए थे। इस मामले में पुलिस ने कई यात्रियों को हिरासत में लिया था, लेकिन पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया।