जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्यस्तर पर मेले लगेंगे, 13 जिले में खेती के लिए 32 करोड़ जारी
राज्य में जैविक खेती को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ जैविक मेले का भी आयोजन होगा। राज्य स्तर पर दो जैविक मेले का आयोजन किया जाएगा। जैविक खेती और मेले के लिए कृषि विभाग ने करीब 32 करोड़ रुपये जारी किए हैं। विभाग ने वर्ष 2023-24 के लिए जैविक कोरिडोर योजना के तहत करीब 20 हजार एकड़ में जैविक खेती का लक्ष्य रखा है। जैविक खेती के लिए चयनित किसानों को दूसरे साल में अधिकतम ढाई एकड़ के लिए 6500 रुपये प्रति एकड़ दिए जाएगे।
इसके अलावा प्रशिक्षण, मिट्टी जांच, निबंधन, पैकेजिंग, लेबलिंग, ब्रांडिंग के लिए भी राशि दी जाएगी। खेती को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य स्तर पर दो प्रशिक्षण कार्यक्रम किए जाएंगे। प्रगतिशील किसानों को राज्य से बाहर भ्रमण कराया जाएगा। जैविक फसलों के उत्पाद बेचने के लिए किसानों को भटकना नहीं पड़ेगा।
जैविक खेती करने वाले किसानों को बाजार भी उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए राज्य में जैविक मेला और विपणन मीट का आयोजन किया जाएगा। वर्ष में दो बार यह आयोजन होगा। इसमें किसानों के अलावा, उत्पाद की प्रोसेसिंग करने वाले, होटल व्यवसायी और खरीदारों को बुलाया जाएगा।
बाहर भी बेचे जाएंगे उत्पाद
इसके अलावा ई कॉमर्स के लिए वेबसाइट का भी निर्माण किया जाएगा ताकि बाहर भी उत्पाद बेचे जा सकें। विभाग ने मेला के आयोजन पर पचास लाख रुपये और उत्पाद बिक्री के लिए वेबसाइट निर्माण पर पांच लाख रुपये खर्च करने का निर्णय लिया है। जैविक उत्पादों पर स्टार्टअप शुरू करने की भी विभाग की योजना है। जैविक उत्पादों से संबंधित स्टार्टअप शुरू करने वाले उद्यमियों को प्रोत्साहित किया जाएगा। विभाग ने इसके लिए एक करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की है।
खेती छोड़ने वाले काली सूची में
विभाग ने कहा है कि जैविक खेती करने वाले किसान या समूह यदि योजना का लाभ लेने के बाद जैविक खेती नहीं कर रहे हैं। तीन साल उन्होंने जैविक खेती छोड़ दी है तो ऐसे किसानों या कृषक समूह को काली सूची में डाला जाएगा। कृषि विभाग की अन्य योजनाओं का लाभ लेने से वे वंचित कर दिए जाएंगे।
इन जिलों में होगी खेती
पटना, बक्सर, भोजपुर, नालंदा, वैशाली, सारण, समस्तीपुर, बेगूसराय, लखीसराय, खगड़िया, भागलपुर, मुंगेर और कटिहार।
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