आज मकर संक्रांति का त्योहार, चूड़ा-दही, तिल और खिचड़ी खाने का महत्व, जानें पुण्यकाल का मुहूर्त
सूर्य जब धनु राशि से निकरकर मकर राशि में प्रवेश करता है तो इस संक्रांति को ही मकर संक्रांति कहते हैं. मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी खाने की परंपरा है. मकर संक्रांति के दिन लोग दिन में चूड़ा दही तिलकुट और सब्जी खाते हैं. वहीं रात में खिचड़ी खाने की परंपरा है.
कब है पुण्यकाल का मुहूर्त?: सूर्यदेव मंगलवार को धनु से मकर राशि में सुबह 9:03 बजे प्रवेश करेंगे. पुण्यकाल मुहुर्त में गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व है. पंचांग और ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार 19 वर्ष बाद इस बार मकर संक्रांति का अद्भुत संयोग बनने जा रहा है.
मकर संक्रांति पर क्या खाना चाहिए?: ज्योतिषाचार्य पुनीत छवि आलोक का कहना है कि मकर संक्रांति का पर्व धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करने के कारण मनाया जाता है. इस पर्व में भगवान भास्कर आराधना की जाती है. इसलिए इस पर्व में प्रकृति प्रदत्त वस्तुओं को सूर्य भगवान को अर्पित किया जाता है. इस पर्व में दो तरह के भोजन की तैयारी होती है. एक वैष्णव और दूसरा स्मात. स्मात भोजन में नमक का प्रयोग होता है और वैष्णव भजन में दिल से संबंधित भोजन का उपयोग एवं दान करने की परंपरा है.
“मकर संक्रांति का ये जो पर्व है, यह धनु राशि से मकर राशि में सूर्य के राशि परिवर्तन के फलस्वरूप मनाया जाता है. यह पूर्ण रूप से वैज्ञानिक आधारित है. इस दिन भगवान सूर्य का आराधना की जाती है. चूड़ा, गुड़, तिल और लता युक्त सब्जी भगवान को अर्पित किया जाता है. आज के दिन खिचड़ी खाने का भी महत्व है.”- पुनीत छवि आलोक, ज्योतिषाचार्य
तिल युक्त खिचड़ी का प्रयोग: मंगलवार को मकर संक्रांति के पर्व के दिन खिचड़ी खाने को लेकर ज्योतिषाचार्य आलोक छवि पुनीत का कहना है कि सूर्य उपासना के काल में विष्णु उपासना के वक्त जो स्मात भोजन बनता है, उसे ही खाया जाएगा. मकर संक्रांति के पर्व के दिन खिचड़ी का जो प्रयोग होता है, वह तिल युक्त होता है.
मंगलवार को खिचड़ी खा सकते हैं: ज्योतिषाचार्य का कहना है कि खिचड़ी में तिल की मात्रा कुछ दे देने से यह खिचड़ी भगवान के प्रसाद के रूप में हो जाती है. लता युक्त जितनी भी सब्जियां हैं, वह भगवान सूर्य को प्रिय है. इसीलिए इस खिचड़ी में इन तमाम सब्जियों का भी प्रयोग किया जाता है. वे कहते हैं कि मकर संक्रांति के अवसर पर मंगलवार होते हुए भी खिचड़ी का सेवन किया जा सकता है.
क्यों खाते हैं खिचड़ी?: मकर संक्रांति से पहले किसानों के घर धान की फसल तैयार होकर घर आ जाता है. इसके अलावे तिल, दलहन में मटर और नई-नई सब्जियां उपजती है. नए उपजे धान से चूड़ा और चावल तैयार होती है. खिचड़ी को प्रसाद के रूप में बनाकर भोजन कराने की परंपरा रही है. मकर संक्रांति के दिन ब्राह्मण भोजन के रूप में भी खिचड़ी ही पड़ोसी जाती है.
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.