भागलपुर। भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा-अर्चना का पर्व अनंत चतुर्दशी मंगलवार को है। मान्यता है कि अनंत चतुर्दशी का व्रत रखकर शुभ मुहूर्त में विधि-विधान से पूजा करने से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं। जगन्नाथ मंदिर के पंडित सौरभ कुमार मिश्रा ने बताया कि 16 सितंबर दोपहर 106 मिनट से चतुर्दशी तिथि प्रारंभ हो गया था। जिसका समापन 17 सितंबर को सुबह 11 बजे तक होगा। उदया तिथि के कारण अनंत चतुर्दशी 17 सितंबर को मनाया जाएगा।
मान्यता है कि अनंत चतुर्दशी के दिन व्रत रखने के साथ-साथ यदि कोई व्यक्ति श्री विष्णु सहस्त्रत्त्नाम स्तोत्र का पाठ करता है तो उसकी सभी मनोकामना पूर्ण होती है। उन्होंने बताया कि करीब 100 सालों के बाद विश्वकर्मा पूजा के दिन शतभिषा नक्षत्र, अनंत चतुर्दशी और पूर्णिमा व्रत में मनाया जाएगा। शास्त्रत्त् के अनुसार शतभिषा नक्षत्र में पूर्णिमा, अमावस्या या संक्रांति की तिथि पड़ना अति शुभ माना जाता है।