सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि हाईवे टोल प्लाजा की मौजूदा व्यवस्था को बदलने के लिए सरकार अगले साल मार्च तक GPS-आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम सहित कई नई टेक्नोलॉजी पेश करेगी। इस कदम का उद्देश्य राजमार्गों पर ट्रैफिक को कम करना और हाईवे पर यात्रा की गई सटीक दूरी के लिए ही वाहन चालकों से टोल वसूलना है। नितिन गडकरी ने कहा, ‘‘सरकार देश में टोल प्लाजा व्यवस्था को बदलने के लिए जीपीएस-आधारित टोल सिस्टम सहित नई प्रौद्योगिकियां लाने पर विचार कर रही है। हम अगले साल मार्च तक देश भर में नए जीपीएस सैटेलाइट-आधारित टोल कलेक्शन शुरू कर देंगे।’’
8 मिनट से 47 सेकंड हुआ टोल पर वेटिंग टाइम
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने वाहनों को रोके बिना ऑटोमैटिक टोल कलेक्शन को सक्षम बनाने के लिए स्वचालित नंबर प्लेट पहचान प्रणाली की दो प्रायोगिक परियोजनाएं भी चलाई है। साल 2018-19 के दौरान टोल प्लाजा पर वाहनों को औसतन 8 मिनट का इंतजार करना पड़ता था। साल 2020-21 और साल 2021-22 में फास्टैग व्यवस्था लागू होने से यह समय घटकर महज 47 सेकंड हो चुका है।
2024 के चुनाव से पहले गडकरी का खास प्लान
गडकरी ने कहा कि कुछ स्थानों पर खासकर शहरों के पास घनी आबादी वाले कस्बों में टोल प्लाजा पर वेटिंग के समय में काफी सुधार हुआ है, फिर भी ज्यादा भीड़ के समय यह समय बढ़ जाता है। इस बीच, गडकरी ने कहा कि सरकार आम चुनाव की आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले 1,000 किलोमीटर से कम लंबाई की राजमार्ग परियोजनाओं के लिए ‘बनाओ-चलाओ और सौंप दो’ (बीओटी) मॉडल पर 1.5-2 लाख करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाओं की बोली मंगाएगी। आम चुनाव अप्रैल-मई 2024 में होने की संभावना है।