मां को देख उठाया ये कदम, जानिए राजस्थान कैडर की IAS परी बिश्नोई की सक्सेस स्टोरी

GridArt 20240711 101634152 jpg

कड़ी मेहनत और निरंतर प्रयास से सफलता जरूर मिलती है। हमारे बीच कई ऐसे सिविल सेवा अधिकारी हैं, जिन्होंने इस बात को सच कर दिखाया है। कुछ ऐसी ही कहानी है आईएएस परी बिश्नोई की, जिन्होंने यूपीएससी में ऑल इंडिया रैंक 30 हासिल की थी। उन्हें आईएएस बनने की प्रेरणा उनकी मां से मिली। वे इस समय सिक्किम में एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के पद पर तैनात हैं। आइए, जानते हैं उनकी सक्सेस स्टोरी –

यूपीएससी के साथ ये बड़ा एग्जाम भी कर चुकी हैं क्रैक

परी बिश्नोई राजस्थान के बीकानेर जिले के रहने वाली हैं। उनके पिता मनीराम बिश्नोई वकील हैं और उनकी माता सुशीला बिश्नोई जीआरपी में अधिकारी है। वहीं, परी के दादाजी गोपीराम बिश्नोई काकड़ा गांव के चार बार सरपंच रह चुके हैं। परी की स्कूली पढ़ाई अजमेर के सेंट मैरी स्कूल से हुई। 10वीं में उन्हें 91 प्रतिशत मिले थे। वहीं 12वीं में उन्होंने 89 प्रतिशत हासिल किया। कॉलेज की पढ़ाई के लिए वे दिल्ली आ गईं। यहां दिल्ली विश्वविद्यालय के आईपी (फॉर वुमन) कॉलेज से उन्होंने पढ़ाई की। इसके बाद पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई अजमेर के एमडीएस विश्वविद्यालय से की। यहां से उन्होंने राजनीतिक विज्ञान में एमए किया था। खबरों की मानें तो उन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास करने से पहले यूजीसी नेट  परीक्षा भी पास की थी। परी ने दो बार यूपीएससी परीक्षा में हार का सामना किया। लेकिन अपने तीसरे प्रयास में वो सफल  रहीं।

मां से मिली प्रेरणा 

आईएएस परी बिश्नोई ने कहा कि सिविल सेवा में आने की प्रेरणा उन्हें अपनी मां से मिली। उनकी मां राजस्थान पुलिस में थी। वे राज्य के कई सारे थाने में SHO पद पर रही हैं। परी बिश्नोई का कहना है कि उन्होंने हमेशा से अपनी मां को समाज और देश के लिए काम करते देखा है। उनकी मां जमीनी स्तर पर लोगों की समस्याओं को सुलझाती थीं।

Sumit ZaaDav: Hi, myself Sumit ZaaDav from vob. I love updating Web news, creating news reels and video. I have four years experience of digital media.