पर्यटन और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा, वैशाली में भव्य बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय तैयार!

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वैशाली: बिहार के वैशाली जिले में निर्माणाधीन बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि ने गुरुवार को स्थल का निरीक्षण किया और अंतिम चरण में चल रहे फिनिशिंग कार्य को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस भव्य संरचना के पूरा होने के बाद वैशाली पर्यटन के नए केंद्र के रूप में उभरेगा और बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए आस्था का एक प्रमुख स्थल बनेगा।

भव्यता और ऐतिहासिकता का अनूठा संगम

₹550.48 करोड़ की लागत से विकसित 72.94 एकड़ में फैले इस भव्य स्थल को पूरी तरह से पत्थरों से निर्मित किया गया है, जिसमें 38,500 पत्थर राजस्थान से मंगवाए गए हैं। यहां उड़ीसा के कलाकारों द्वारा उकेरी गई भगवान बुद्ध की मूर्तियां प्रदर्शित होंगी। उल्लेखनीय है कि भगवान बुद्ध का अस्थि कलश भी इसी संग्रहालय में स्थापित किया जाएगा, जिससे इसकी ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता और बढ़ जाएगी।

पर्यावरण के अनुकूल होगा पर्यटन स्थल

स्मृति स्तूप परिसर को पर्यावरण अनुकूल बनाने के लिए 271,689 वर्गमीटर में हरियाली विकसित की गई है। परिसर में सौर ऊर्जा संयंत्र, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और वाटर ट्रीटमेंट प्लांट भी स्थापित किए गए हैं। इसके अलावा, आगंतुकों के लिए इलेक्ट्रिक वाहन, लाइब्रेरी, मेडिटेशन हॉल, गेस्ट हाउस, ओपन एयर थिएटर और कैंटीन जैसी सुविधाएं भी होंगी।

दुनियाभर से आएंगे पर्यटक

वैशाली बौद्ध धर्म का एक प्रमुख केंद्र है, जहां भगवान बुद्ध ने अपने अंतिम उपदेश दिए थे। इस संग्रहालय और स्तूप के उद्घाटन के बाद यहां देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक आएंगे, जिससे बिहार में पर्यटन को नई ऊंचाइयां मिलेंगी। सचिव ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि उद्घाटन से पहले सभी व्यवस्थाओं को सुव्यवस्थित कर लिया जाए।

बिहार के पर्यटन विकास में मील का पत्थर

भगवान बुद्ध से जुड़ी स्मृतियों और अद्वितीय आर्किटेक्चर से सजा यह संग्रहालय बिहार की संस्कृति और विरासत को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने में अहम भूमिका निभाएगा। पर्यटन की बढ़ती संभावनाओं के साथ यहां रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

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