कोटा में दर्दनाक सड़क हादसा, खाई में गिरी स्कूल बस

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राजस्थान के कोटा में सोमवार दोपहर एक स्कूल बस सड़क दुर्घटना की शिकार बन गई। जानकारी के मुताबिक, बस की स्टीयरिंग व्हील फेल में खराबी आ गई थी, जिसकी वजह से ड्राइवर ने बस पर कंट्रोल खो दिया। बस मुख्य सड़क से करीब 10 फीट नीचे जा गिरी। हादसा दोपहर करीब 1 बजे हुआ।

बस के शीशे तोड़कर बच्चों को किया गया रेस्क्यू

इस दुर्घटना में एक छात्र की मौत हो गई, जबकि 50 लोग घायल हैं। वहीं, एक व्यक्ति की हालत गंभीर है। बस के शीशे को तोड़कर बच्चों को बाहर निकाला गया। कोटा उत्तर के वार्ड-29 के पूर्व पार्षद लटूर लाल के अनुसार अचानक बस पलटने के बाद लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई थी। जानकारी मिलते ही घटनास्थल पर पुलिस पहुंची। बस स्कूल से छुट्टी के बाद बच्चों को घर छोड़ने जा रही थी।

अप्रैल में बस हादसे में छह बच्चों की हुई थी मौत

दो दिन पहले बी हरियाणा के पंचकूला में एक स्कूल बस सड़क हादसे की शिकार बन गई थी। स्कूल में 45 बच्चों के अलावा टीचर भी मौजूद थे। घायल बच्चों को अस्पताल ले जाया गया। वहीं, अप्रैल महीने में महेंद्रगढ़ में एक स्कूल बस की सड़क दुर्घटना हुई थी। इस दुर्घटना में 6 बच्चों की मौत हो गई थी। लोगों ने दावा किया था कि ड्राइवर ने शराब पी रखी थी। इसके बाद पुलिस ने ड्राइवर को हिरासत में ले लिया था।

धौलपुर में हुए सड़क हादसे में 12 लोगों की हुई मौत

इससे पहले रविवार को  राजस्थान के धौलपुर जिले में बाड़ी सदर थाना इलाके में एक सड़क हादसा हो गया था। शनिवार रात करीब 11 बजे स्लीपर कोच बस ने टेंपों को टक्कर मार दी थी। इस हादसे में 12 लोगों की मौत हो गई है। मारे जाने वालों में 8 बच्चे शामिल हैं।

जानकारी के मुताबिक, बाड़ी शहर के रहने वाले एक परिवार के 11 सदस्य अपने रिश्तेदार के घर भात कार्यक्रम में गए थे। परिवार के सभी सदस्य टेंपो पर सवार थे। सुनीपुर गांव के नजदीक टेंपो को स्लीपर कोच ने टक्कर मार दी।

पीएम ने भी जताई चिंता

इस हादसे पर पीएम मोदी ने भी चिंता जाहिर की। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर शोक व्यक्त करते हुए उन्होंने लिखा,”राजस्थान के धौलपुर में हुआ हादसा हृदयविदारक है। इसमें मासूम बच्चों सहित जान गंवाने वालों के शोकाकुल परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ईश्वर उन्हें इस पीड़ा को सहने की शक्ति प्रदान करे। इसके साथ ही मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। राज्य सरकार की निगरानी में स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की हरसंभव सहायता में जुटा है।”

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