भागलपुर-हावड़ा वंदे भारत एक्सप्रेस भागलपुर से मंदारहिल रेलखंड होकर चलेगी। यह वही रेलखंड है, जिसपर कभी हाथ दिखाकर ट्रेनें रोक दी जाती थीं। हर एक किमी पर वैक्यूम काटा जाता था। लेकिन आज उसी रेलखंड को इतना खूबसूरत और तन्कनीकी तौर पर मजबूत बना दिया गया कि वंदे भारत जैसी हाई स्पीड ट्रेन दौड़ने जा रही है।
भागलपुर मंदारहिल रेलखंड रेलवे से भी वर्षों उपेक्षित रहा। इस रेलखंड पर भागलपुर से मंदारहिल जाने वाली एक पैसेंजर ट्रेन लगभग 40 साल तक अप-डाउन करती रही। लोगों के पास दूसरी ट्रेन का न तो विकल्प था, न ही मंदारहिल से आगे जाने का रास्ता। रेलवे ने दीर्घकालीन योजना बनाकर पहले मंदारहिल से हंसडीहा तक रेललाइन का निर्माण किया। फिर दुमका से जोड़ा गया। अब इस रेलखंड को हावड़ा के लिए शॉर्ट रूट के रूप में जाना जाता है, क्योंकि अब यह लाइन हावड़ा से जुड़ गई है। इसी रेलखंड से एक ब्रांच लाइन बांका होते हुए देवघर से जुड़ गई तो एक लाइन गोड्डा तक पहुंच गई।
अब एक नहीं कई ट्रेनें मंदारहिल रेलखंड पर अब कई ट्रेनें चल रही हैं। इसमें गोड्डा-नई दिल्ली हमसफर एक्सप्रेस, गोड्डा-पटना इंटरसिटी, गोड्डा-रांची एक्सप्रेस, टाटानगर एक्सप्रेस, कविगुरु एक्सप्रेस, बांका इंटरसिटी, अगरतला एक्सप्रेस आदि शामिल हैं। वंदे भारत इस कड़ी में एक नई ट्रेन बनकर शामिल हो रही है।
15 किमी तक थी ट्रैक स्पीड, अब 110 किमी की
भागलपुर मंदारहिल सेक्शन में 2010-12 तक स्पीड अधिकतम 15 किमी ही थी। मंदारहिल से आगे नई लाइन का काम शुरू होने के साथ इस सेक्शन में ट्रैक कटोगरी बदली गई। 15 किमी की ट्रैक स्पीड को पहले 30 फिर 50, 90 और अब 110 किया गया।
मंदारहिल सेक्शन पर सुरक्षा की स्थिति खराब थी। ट्रैक कटेगरी भी अच्छी नहीं थी। समय के साथ सब कुछ बदला अब यह रेलखंड वीआईपी ट्रेनों के लिए उपयुक्त है।
डीसी झा, अवकाश प्राप्त चीफ यार्ड मास्टर।
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