बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यूएसपी खत्म होते दिख रही है. न फंसाते हैं..न बचाते हैं की नीति अब बीते दिनों की बात साबित हो रही है. विपक्ष का कहना है कि सरकार फंसाती भी है और बचाती भी. परिवहन विभाग ने तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यूएसपी का पलीता लगा दिया है. विभाग के अंदर भ्रष्टाचार पर मंत्री बोलने से भाग रहीं, नीतीश कुमार की पार्टी को भी भ्रष्टाचार अब सदाचार के रूप में दिखने लगा है. राजद-कांग्रेस लेकर अन्य विपक्षी विधायकों ने एक साथ परिवहन विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार पर सवाल खड़े किए हैं.
सरकार का इकबाल खत्म होता है तो ऐसी ही हालात उत्पन्न होते हैं- कांग्रेस
कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता डॉ. शकील अहमन खान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग में यह क्या हो रहा है.आखिर आप कैसी सरकार चला रहे हैं. जब सरकार का इकबाल खत्म होता है, तो ऐसी ही स्थिति उत्पन हो जाती है. जब डर का माहौल खत्म हो जाएगा तो भ्रष्टाचार के आरोपियों को बचाया जाने लगेगा. मैं शुरू से कहते आया हूं, सरकार का इकबाल खत्म हो गया है. अब इस तरह के करप्शन होते रहेंगे. पदाधिकारियों को बचाने का काम किया जा रहा है.आला अधिकारी, उनके ऊपर के आलाधिकारी संपर्क में रहते हैं, भ्रष्टाचार का पूरा चैनल बना हुआ है. परिवहन विभाग के अधिकारी जिनके उपर आरोप हैं. बावजूद इसके नौकरी रहे, निलंबन नहीं होना गंभीर सवाल खड़े करता है. सरकार के अंदर भ्रष्टाचार है, यही वजह है कि ऐसी बात सामने आ रही है.
मंत्री की चुप्पी पर गंभीर सवाल
एआईएमआईएम के विधायक अख्तरूल ईमान शाहिन ने कहा कि बिहार में कहां सुशासन की सरकार है, रिश्वत की बयार बह रही है. जेडीयू-भाजपा के लोग सत्ता के नशे में चूर हैं. जब भी कोई पदाधिकारी पकड़े जाते हैं, नोट गिनने की मशीन मंगाई जाती है. फिर भी कार्रवाई नहीं होती. सरकार की मिलीभगत से यह खेल किया जा रहा है. परिवहन विभाग में हो रहे खेल पर विभागीय मंत्री की खामोशी बता रही है कि दाल में काला है. वहीं सत्ताधारी पार्टी जेडीयू के प्रवक्ता परिवहन विभाग में हो रहे खेल से जुड़े सवाल पर बचते हुए नजर आ रहे हैं.
परिवहन मंत्री की चुप्पी पर सवाल….नीतीश सरकार को हो क्या गया है ?
परिवहन विभाग के मंत्री शीला कुमारी से भी विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार, भ्रष्टाचार के आरोपी सरकारी सेवकों को बचाने के संबंध में सवाल पूछा गया था. सवाल सुनते ही मंत्री शीला कुमारी अवाक रह गईं. सवाल का लाईन खत्म होने से पहले वो समझ गईं, लिहाजा गाड़ी का शीशा बंद कर निकलने की कोशिश करने लगीं. कहने लगीं बाद में बात कर लेंगे, अभी जल्दी में हैं. समझ सकते हैं , नीतीश राज में क्या हो रहा है. यहां पूरा सिस्टम बेपटरी हो गई है. नीतीश कैबिनेट के मंत्री वो भी जेडीयू कोटे से, का भ्रष्टाचार के मुद्दे पर मुंह बंद हो गया है. ऐसे में करप्शन पर जीरो टॉलरेंस की बातें सिर्फ भाषणों में रह गई है.