परिवहन विभाग के कई सरकारी सेवकों के खिलाफ गंभीर दाग हैं. दाग से विभाग की छवि भी दागदार हुई है. विभाग के अधिकारियों की फील्ड पोस्टिंग-प्रतिनियुक्ति को लेकर गाईडलाइन जारी हैं. लेकिन यह सिर्फ कागजों में है. परिवहन विभाग के वर्तमान सचिव संजय अग्रवाल ने ही प्रवर्तन संवर्ग के सेवकों की प्रतिनियुक्ति को लेकर जुलाई 2023 में गाईडलाइन जारी किया था. गाईडलाइन में आठवें नंबर पर स्पष्ट किया गया है कि ”प्रवर्तन संवर्ग के जिस निरीक्षक-अवर निरीक्षक के खिलाफ प्रतिनियुक्ति स्थल पर आरोप लगेंगे, परिवाद पत्र होगा या जांच प्रतिवेदन होगा, प्रतिनियुक्ति के समय इसे देखा जाएगा, तभी प्रशासनिक आदेश जारी किए जाएंगे”. लेकिन परिवहन सचिव का यह आदेश सिर्फ कागजों तक ही सिमटा हुआ है. प्रतिनियुक्ति के दौरान इस पर अमल नहीं किया जा रहा. एक बार फिर से प्रवर्तन निरीक्षक-अवर निरीक्षकों की प्रतिनियुक्ति की फाइल दौड़ रही है. देखना होगा, परिवहन सचिव के इस संकल्प को रद्दी की टोकरी में डाला जाता है,या अमल होता है.
प्रवर्तन निरीक्षक, अवर निरीक्षक की प्रतिनियुक्ति में खेल !
प्रर्वतन संवर्ग के वैसे सरकारी सेवकों को लगातार मनचाही प्रतिनियुक्ति दी जा रही है, जिन पर भ्रष्टाचार के गंभीर दाग हैं. पहले से दागी और प्रतिनियुक्ति स्थल पर फिर से रिश्वत मांगने के गंभीर आरोप लगे, उनकी जांच वाली फाईल दबाकर बजाप्ता कमिश्नरी वाले या अन्य महत्वपू्र्ण जिलोंं में प्रतिनियुक्त कर विभाग अपने ही गाइडलाइन का माखौल उड़ा रहा है. प्रवर्तन संवर्ग के एक सरकारी सेवक पर ही, भ्रष्टाचार के मामले नहीं हैं, कई पर गंभीर दाग हैं. लेकिन प्रवर्तन निरीक्षकों, अवर निरीक्षकों के खिलाफ प्रतिनियुक्ति में बड़ा खेल किया जा रहा है. परिवहन विभाग न सिर्फ अपने गाइडलाइन का माखौल उड़ा रहा बल्कि, सुशासन राज को भी ठेंगा दिखा रहा है. यह सबकुछ सेटिंग के आधार पर हो रहा है. अब जरा देखिए, पहले से भ्रष्टाचार के संगीन आरोप, करप्शन का मुकदमा भी दर्ज. सीमांचल के एक जिले में प्रतिनियुक्ति के दौरान रिश्वत लेने के गंभीर आरोप में 2023 में ही विभाग में शिकायत की गई. बावजूद, आरोपी प्रवर्तन संवर्ग के निरीक्षक, अवर निरीक्षक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, उल्टे अच्छी जगह पर प्रतिनियुक्त कर दिया गया. एक बार फिर से प्रवर्तन संवर्ग वाले निरीक्षक, अवर निरीक्षकों की प्रतिनियुक्ति की फाइल दौड़ रही है. देखना होगा, इसमें परिवहन विभाग अपने गाइडलाइन का पालन करता है या नहीं. वैसे…हम आपको बताएँगे कि कैसे…रिश्वत मांगने को लेकर प्रमाण के साथ जो आरोप परिवहन विभाग में भेजे गए, उसे दबाकर प्रतिनियुक्ति का खेल किया जा रहा है.
परिवहन सचिव ने 2023 में जारी किया था गाइडलाइन
परिवहन विभाग के सचिव संजय अग्रवाल ने 24 जुलाई 2023 को प्रवर्तन निरीक्षकों, अवर निरीक्षकों की प्रतिनियुक्ति को लेकर संकल्प जारी किया था. संकल्प में 11 बिंदुओं का जिक्र किया गया था. परिवहन सचिव के पत्र में कहा गया था कि प्रवर्तन निरीक्षक,अवर निरीक्षक की प्रतिनियुक्ति राज्य परिवहन आयुक्त करेंगे. प्रतिनियुक्ति के लिए निर्धारित अवधि से विलंब होने पर एक स्तर ऊपर के प्राधिकार यानी विभागीय सचिव के अनुमोदन से ही प्रतिनियुक्ति आदेश निर्गत किए जाएंगे.
छह माह से ऊपर होने पर सचिव की अनुमति जरूरी
विशेष परिस्थिति में प्रवर्तन निरीक्षक, प्रवर्तन अवर निरीक्षकों की प्रतिनियुक्ति सचिन की अनुमति से 6 माह की अवधि में की जा सकेगी, जिसे सरकार के संज्ञान में लाया जाना आवश्यक होगा. विभागीय चेक पोस्ट पर तीन पालियों के लिए कम से कम तीन प्रवर्तन निरीक्षक, अवर निरीक्षक की प्रतिनियुक्ति की जाएगी . वैसे जिले जो जीटी रोड या राष्ट्रीय उच्च पथ से जुड़े हैं,वहां दो प्रवर्तन अवर निरीक्षकों की प्रति नियुक्ति की जाएगी . वैसे जिले जहां वाहनों का निबंधन एवं राजस्व संग्रह अधिक होता है, वहां दो को प्रतिनियुक्त किया जाएगा. प्रवर्तन निरीक्षक-अवर निरीक्षकों की प्रति नियुक्ति 6 महीनों के लिए की जाएगी. नई प्रतिनियुक्ति के समय पिछले प्रतिनियुक्ति स्थान पर प्रवर्तन निरीक्षक, अवर निरीक्षक द्वारा की गई राजस्व संग्रह की उपलब्धि को ध्यान में रखा जाएगा .
किसी के खिलाफ आरोप-परिवाद पत्र,जांच प्रतिवेदन हैं,तो क्या करना है..?
परिवहन सचिव ने आठवें नंबर पर प्रवर्तन निरीक्षकों- अवर निरीक्षकों के खिलाफ लगे आरोप, परिवाद पर क्या करना है, इसे स्पष्ट किया है. परिवहन सचिव ने संकल्प में स्पष्ट किया है की नई प्रति नियुक्ति के समय प्रवर्तन निरीक्षक, अवर निरीक्षकों के खिलाफ प्राप्त आरोप, परिवाद पत्र, जांच प्रतिवेदन को ध्यान में रखते हुए प्रशासनिक या अनुशासनिक आधार पर की जाएगी . महिला प्रवर्तन निरीक्षक, अवर निरीक्षकों की प्रतिनियुक्ति अवधि एक वर्ष की होगी. उनसे प्राप्त विकल्प के आधार पर सहानुभूति पूर्वक विचार किया जाएगा. इनकी प्रतिनियुक्ति का आधार जिला होगा, अर्थात् एक जिले में प्रतिनियुक्त पदाधिकारी को अगली बार दो प्रतिनियुक्ति में जिले से बाहर प्रति नियुक्त किया जाएगा . जिला परिवहन पदाधिकारी के माध्यम से प्रवर्तन तंत्र की मासिक प्रगति एवं अनुपस्थिति प्राप्त की जाएगी. जिससे जिले में बेहतर प्रबंधन में मदद मिलेगी.