बिहार के दरभंगा में जबरदस्त बाढ़, कोसी नदी में बह गया अंबानी पुल, आवागमन के लिए नाव बना सहारा

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कोसी नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी से चचरी पुल बहा : एक और बरसात नहीं होने के कारण राजधानी पटना सहित पूरे बिहार में गर्मी का तांडव जारी है तो वहीं दूसरी ओर दरभंगा मधुबनी सहित मिथिला क्षेत्र में बाढ़ ने एक बार फिर से दस्तक दे दी है. ताजा अपडेट के अनुसार कोसी नदी में जबरदस्त पानी वृद्धि को दर्ज किया गया है. मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार पूछी नदी पर ग्रामीणों द्वारा एक अंबानी चचरी पुल का निर्माण किया गया था जो पानी की तेज धारा में बह गया।

कोसी नदी के जलस्तर में शनिवार को अचानक हुई वृद्धि से कोला उजुआ घाट पर ग्रामीणों के सहयोग से बनाया गया चचरी पुल बह गया। पुल बह जाने से एक दर्जन से अधिक गांवों का बाजार व प्रखंड मुख्यालय से सड़क संपर्क टूट गया है। अब नाव का ही सहारा है।

बता दें कि गांव के लोगों ने नदी में आवाजाही के लिए आपसी सहयोग से चचरी पुल बनाया था।

इस संबंध में सीओ अखिलेश कुमार ने कहा कि कोसी नदी में पानी बढ़ने की सूचना मिली है। संबंधित नाव मालिकों व नाविकों को नाव पर क्षमता के अनुसार ही लोगों को बैठाने का निर्देश दिया गया है। साथ ही सुबह छह से शाम पांच बजे तक ही नदी में नाव का परिचालन करने का निर्देश दिया गया है। उधर, कोसी नदी के पश्चिमी तटबंध के कार्यपालक अभियंता विवेक गौरव ने बताया कि कोसी बराज से एक लाख 15 हजार 345 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है। कोसी के जलस्तर में वृद्धि से लोगों को बाढ़ की चिंता सताने लगी है। बाढ़ की आशंका को देखते हुए लोगों ने बांध पर मवेशियों को बांधने के लिए खूंटा गाड़ना शुरू कर दिया है।

दरभंगा जिला के बिरौल अनुमंडल मुख्यालय के लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित किरतपुर प्रखंड जोकि कमला और कोशी के तटबंध के किनारे बसा है। इसी के आसपास बसे लगभग 15 गांव क्रमशः परतहा, झरबा, बड़हरा, बकोनिया, दरहार, गोबिंदपुर, बरबा, बनती, पकड़िया, पचबीरा, सितली, रामनगर, नौला, सिरनिया, लालपुर के लोग सालों भर नाव की यात्रा करते थे और सरकार की किसी तरह की कोई मदद नहीं मिलती थी उन लोगों ने सरकार के विरोध में कोशी नदी पर एक चचरी का पुल बनाया और उसका नाम रखा अंबानी सेतु पुल। लेकिन कोशी नदी के जलस्तर में बेतहाशा वृद्धि से अंबानी सेतु पुल बीते शुक्रवार की रात नदी की धार में बह गया। अब वहां के लोगों को अपने रोजमर्रा की जिंदगी तथा अस्पताल या किसी भी तरह की जरूरत पूरा करने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता है।

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