प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फोन कर उत्तरकाशी के सिल्क्यारा के पास टनल में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए जारी राहत और बचाव कार्यों के बारे में जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा आवश्यक बचाव उपकरण व संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। केंद्र और राज्य की एजेंसियों के परस्पर समन्वय से श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा। फंसे श्रमिकों का मनोबल बनाए रखने की जरूरत है। बता दें कि अभी तक प्रधानमंत्री तीन बार मुख्यमंत्री से स्थिति की जानकारी ले चुके हैं। पीएमओ की टीम भी मौके का निरीक्षण कर चुकी है और लगातार स्थिति पर नजर बनाये हुए है। साथ ही पीएमओ की टीम समन्वय का कार्य कर रही है।
सीएम धामी ने दी राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी
मुख्यमंत्री ने अद्यतन स्थिति की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य और केंद्रीय एजेंसियां परस्पर समन्वय और तत्परता के साथ राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। टनल में फंसे श्रमिक सुरक्षित हैं और ऑक्सीजन, पौष्टिक भोजन और पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है। राहत और बचाव कार्यों के लिए एक्सपर्ट्स की राय लेकर एजेंसियां काम कर रही हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने स्वयं मौके पर जाकर स्थलीय निरीक्षण किया और बचाव कार्यों पर लगातार नजर रखें हैं। मेडिकल की टीम भी वहां पर तैनात कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरंग के अंदर फंसे सभी मजदूर सुरक्षित हैं और उन्हें जल्द बाहर निकलने की पूरी कोशिश की जा रही है।
सुरंग में फंसे 41 मजदूर
बता दें कि उत्तरकाशी के सिलक्यारा में निर्माणाधीन सुरंग धंसने के बाद से करीब 41 मजदूर उसमें फंसे हुए हैं। इन मजदूरों को पिछले 9 दिनों से रेस्क्यू करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन अब तक इसमें सफलता नहीं मिली है। एक तरफ जहां 41 मजदूरों जीवन और मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ उन्हें रेस्क्यू करने के कई प्रयास असफल हो चुके हैं। एक खबर के मुताबिक टनल में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए दिल्ली से लाई गई ऑगर मशीन ने 17 नवंबर को काम करना बंद कर दिया। इसके बाद इंदौर से एक नई मशीन मंगाई गई जिसे अब सुरंग के भीतर 200 मीटर अंदर तक ले जाया जा रहा है। अब मलबे में सामने के बजाय ऊपर से ड्रिलिंग किया जाएगा, ताकि मलबे को आसानी से हटाया जा सके।