बिहार में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर है. जीतन सहनी हत्याकांड के बाद से विपक्ष ने भी मोर्चा खोल दिया है. जिसे देखते हुए 20 जलाई को आक्रोश मार्च निकालने का फैसला लिया गया है. विपक्ष की ओर से लगातार नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव नीतीश सरकार को कानून व्यवस्था के मुद्दे पर घेर रहे हैं. अब आक्रोश मार्च को लेकर जेडीयू मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने हमला बोला है।
नीरज कुमार का तेजस्वी पर आरोप: नीरज ने आक्रोश मार्च पर निशाना साधते हुए कहा कि “राजनीतिक दिवालिया पन की हद है. तेजस्वी यादव रोजगार के बाधक बन गए हैं. उन्हें पढ़ने में मन नहीं लगा, वो शिक्षा और शिक्षकों की पीड़ा क्या जानें. आगे उन्होंने ने कहा कि बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित 19 से 22 जुलाई के बीच तीसरे चरण की शिक्षक नियुक्ति परीक्षा को बाधित करने की मंशा ट्विटर बबुआ की है, उसी मंशा के तहत 20 जुलाई को प्रतिरोध मार्च आयोजित किया गया है.”
“19 से 22 जुलाई तक बीपीएससी द्वारा नियुक्ति की प्रक्रिया और 20 जुलाई को प्रतिरोध मार्च यह तो रोजगार के अवसर में केवल और केवल अवरोध पैदा करने की मंशा के अलावा कुछ भी नहीं हो सकता. जिसे पढ़ने में मन नहीं लगा, वो शिक्षा और शिक्षकों की पीड़ा क्या जानें.”- नीरज कुमार, मुख्य प्रवक्ता, जेडीयू
जीतनी सहनी की हत्या से सनसनी: कानून व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी 19 जुलाई को हाई लेवल बैठक बुलाई है. पिछले दिनों पूर्व मंत्री और वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी की हत्या कर दी गई. हालांकि पुलिस की ओर से पूरे मामले का खुलासा हो गया है. पैसे के लेनदेन में हत्या की गई थी।
प्रदेश में बढ़ें अपराध के मामले: बता दें कि इन दिनों लगातार कई अपराध के मामले सामने आए है. इसमें दो छोटे बच्चों की हत्या, अपहरण और भी कई घटनाएं शामिल है. विपक्ष इसे मुद्दा बना रहा है और वो विधानसभा सत्र में भी इस मुद्दे को उठाने की तैयारी में है. आक्रोश मार्च के माध्यम से विपक्ष अपनी ताकत भी दिखाएगा लेकिन सत्ता पक्ष की तरफ से भी शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान इस तरह के आयोजन को लेकर निशाना साधा जा रहा है।