अमरनाथ यात्रा में आए दो अमेरिकी नागरिक, बोले- यहां आना सपने जैसा, जाने क्यों याद आए विवेकानंद
स्वामी विवेकानंद के नक्शेकदम पर चलने का दावा करते हुए दो अमेरिकी नागरिकों ने इस साल अमरनाथ यात्रा की है। ये दोनों अमेरिका के कैलिफोर्निया के रहने वाले हैं। इनकी तस्वीरें अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने शेयर की हैं। उन्होंने बताया, “हम कैलिफोर्निया में एक आश्रम-मंदिर में रहते हैं। तीन साल से हम अमरनाथ आने का सपना देख रहे थे। हम यात्रा और पूजा के वीडियो यूट्यूब पर देखते थे।”
दो अमेरिकी तीर्थयात्रियों में से एक ने कहा, “यह एक ऐसा अनुभव है जिसे हम शब्दों में बयां नहीं कर सकते। स्वामी विवेकानंद भी अमरनाथ आए थे। उन्हें यहां एक अनोखा अनुभव हुआ था।” उन्होंने कहा कि पहाड़ों और पवित्र गुफा के अंदर उन्होंने जिस प्रकार की शांति का अनुभव किया, वह अनोखी है। उन्होंने कहा, “हम आशा करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि हर जगह ऐसी शांति बनी रहे। हमारे सपने को संभव बनाने के लिए हम भोले नाथ को धन्यवाद देते हैं।”
#WATCH | Two US nationals from California, undertake Amarnath Yatra in J&K.
They say, "…Swami Vivekananda came to Amarnath, he had a very important experience. I have known of this story for 40 years…It seemed impossible & was a dream to come here. But by Bholenath's grace,… pic.twitter.com/rY1UIhVtu5
— ANI (@ANI) July 11, 2023
उन्होंने श्राइन बोर्ड द्वारा यात्रियों के लिए की गई व्यवस्था, ‘दर्शन’ और ‘पूजा’ को ‘त्रुटिहीन’ बताया।
11 दिन में 1.37 लाख लोगों ने पूरी की यात्रा
वहीं, आपको बता दें कि इस साल 1 जुलाई को शुरू हुई अमरनाथ यात्रा के पहले 11 दिन में अब तक 1.37 लाख तीर्थयात्री बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं। अधिकारियों ने कहा, “मंगलवार को 18,000 से अधिक यात्रियों ने पवित्र गुफा के अंदर दर्शन किए, जबकि 6,554 तीर्थयात्रियों का एक और जत्था बुधवार सुबह जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से घाटी के लिए रवाना हुआ।” जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग बंद रहने के कारण जम्मू से घाटी तक तीर्थयात्रा अवरुद्ध रही। फंसे हुए वाहनों और अमरनाथ यात्रियों को निकालने के लिए आज इस मार्ग पर यातायात फिर से शुरू किया गया।
यात्री या तो पारंपरिक दक्षिण कश्मीर पहलगाम मार्ग से हिमालय गुफा मंदिर तक पहुंचते हैं। पहलगाम आधार शिविर से 43 किलोमीटर की चढ़ाई होती है जबकि उत्तरी कश्मीर बालटाल आधार शिविर से 13 किलोमीटर की चढ़ाई होती है। पारंपरिक पहलगाम मार्ग का उपयोग करने वालों को गुफा मंदिर तक पहुंचने में तीन-चार दिन लगते है। वहीं, बालटाल मार्ग का उपयोग करने वाले लोग समुद्र तल से 3,888 मीटर ऊपर स्थित गुफा मंदिर के अंदर दर्शन करने के बाद उसी दिन आधार शिविर लौट आते हैं। दोनों मार्गों पर यात्रियों के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं भी उपलब्ध हैं।
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