मायागंज अस्पताल के फैब्रिकेटेड हॉस्पिटल में शनिवार की रात में साढ़े पांच घंटे के अंदर दो मरीजों की मौत हो गई। हॉस्पिटल की नर्सों पर परिजनों ने लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए पूरी रात हंगामा किया। इस दौरान पुलिस दो बार आई-गई, लेकिन परिजन अस्पताल प्रशासन के न आने तक हॉस्पिटल के बाहर लाश तक निकालने से इंकार कर दिया। रविवार की सुबह में अस्पताल प्रबंधन जब हॉस्पिटल में पहुंचा तो बरारी पुलिस की मौजूदगी में जांच कराकर दोषी नर्सों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया, तब जाकर परिजन माने और अपनों की लाश लेकर घर चले गये।
नौ बजे बिहपुर की महिला की हुई मौत और शुरू हो गया हंगामा
बिहपुर निवासी 28 वर्षीय निशा कुमारी को डॉ. ओबेद अली की यूनिट में भर्ती कराया गया था। परिजनों के मुताबिक, निशा कुमारी को हाईपरटेंशन, क्रॉनिक किडनी की बीमारी और रेनल पैरेनकाइमल की बीमारी थी। उसका मेडिसिन विभाग में इलाज चल रहा था। हालत बिगड़ी तो शनिवार की रात करीब नौ बजे फैब्रिकेटेड हॉस्पिटल के इमरजेंसी मेडिसिन वार्ड में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टरों ने इलाज किया तो नर्स ने एक इंजेक्शन लगाया और इसके बाद मरीज के मुंह से झाग निकलने लगा और 10 मिनट के अंदर ही उसकी मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने हंगामा करना शुरू कर दिया तो मौके पर बरारी पुलिस पहुंची। लेकिन परिजनों ने अस्पताल के पदाधिकारी के न आने तक लाश को वार्ड में रखे रखा।
ढाई बजे बांका के मरीज की हुई मौत तो हंगामा बढ़ गया
इसी तरह फैब्रिकेटेड हॉस्पिटल के इमरजेंसी मेडिसिन में बांका निवासी जितेंद्र कुमार झा भर्ती था। परिजनों के मुताबिक, उनकी हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी। डॉक्टर ने नर्स को इंजेक्शन लगाने का निर्देश दिया। परिजन आधी रात से ही नर्सों से इंजेक्शन लगाने की गुहार परिजन लगाते रहे, लेकिन नर्सों ने इंजेक्शन नहीं लगाया। अंततोगत्वा रविवार की अलुसबह करीब ढाई बजे जितेंद्र कुमार झा की भी मौत हो गई। इसके बाद तो इस मरीज के परिजन उग्र हो गये। परिजन इस कदर उग्र हुए कि वार्ड में तैनात डॉक्टर व नर्स खुद कमरे में बंद करके अपनी जान बचाई।
इंजेक्शन न लगाने के आरोपों की जांच होगी अधीक्षक
रविवार की सुबह करीब साढ़े सात बजे बरारी थानेदार बिट्टू कुमार अपने दलबल के साथ फैब्रिकेटेड हॉस्पिटल पहुंचे। इस दौरान उनकी मौजूदगी में परिजनों एवं अस्पताल प्रबंधक सुनील कुमार गुप्ता के बीच वार्ता हुई। इस दौरान अस्पताल प्रबंधक ने कहा कि परिजनों के आरोपों की जांच कराई जाएगी। अगर दोषी पाया गया तो नर्सों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद परिजन अपनों की लाश को लेकर चले गये। वहीं अस्पताल अधीक्षक डॉ. हेमशंकर शर्मा ने कहा कि इंजेक्शन न लगाने के आरोपों की जांच कराकर दोषी के खिलाफ कार्रवाई होगी।