समान नागरिक संहिता (UCC) को लेकर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि संविधान निर्माताओं की परिकल्पना के अनुरूप समान नागरिक संहिता को लागू करने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 44 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि राष्ट्र देशभर में अपने नागरिकों के लिए यूसीसी लागू करने का प्रयास करेगा।
लटकाने या और देर करने का कोई औचित्य नहीं
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा, ‘यह संविधान के निर्माताओं की सोच थी। इसे लागू करने का समय आ गया है। इसे लटकाने या और विलंब करने का कोई औचित्य नहीं हो सकता।’ उपराष्ट्रपति इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी), गुवाहाटी के 25वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उपराष्ट्रपति और उनकी पत्नी सुदेश धनखड़ ने आईआईटीजी परिसर में रुद्राक्ष और ब्रह्मकमल का पौधा लगाया।
राष्ट्र तथा राष्ट्रवाद के प्रति सम्मान
उन्होंने कहा कि राजनेता जैसी चाहें वैसी राजनीति करें, लेकिन एक सीमा के तहत साझा समझ और राष्ट्र तथा राष्ट्रवाद के प्रति सम्मान होना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने कहा कि देश आज उस चरण में पहुंच चुका है जब इसके विकास का प्रभाव वैश्विक स्तर पर महसूस किया जा रहा है और इसलिए यह हमारा प्राथमिक कर्तव्य है कि भारतीय होने पर गर्व करें। उन्होंने कहा कि दुनिया का हर छठा व्यक्ति भारतीय है और देश का मानव संसाधन पूरे विश्व को प्रभावित कर रहा है।
‘आर्थिक राष्ट्रवाद’ के प्रति प्रतिबद्ध रहें
उपराष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से अनुरोध किया कि वह ‘आर्थिक राष्ट्रवाद’ के प्रति प्रतिबद्ध रहें और आर्थिक लाभ के लिए इसके साथ समझौता नहीं करें। उन्होंने कहा, ‘मैं वैश्विक व्यापार तंत्र में विश्वास करता हूं, लेकिन हमारी अर्थव्यवस्था को विदेशी शक्तियों द्वारा नुकसान नहीं पहुंचाया जाना चाहिए। युवाओं को एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र बनाना चाहिए, जहां आर्थिक राष्ट्रवाद का विकास हो।’