अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा होगी. इससे पहले उद्धव ठाकरे ने मांग की है कि अयोध्या में राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा कराई जाए क्योंकि यह ‘राष्ट्र के गौरव और देश के स्वाभिमान’ का मामला है. शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि वह राष्ट्रपति मुर्मू को नासिक स्थित कालाराम मंदिर में भी आमंत्रित करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि राम मंदिर का निर्माण उनके पिता का सपना था. अयोध्या में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन ठाकरे कालाराम मंदिर में दर्शन करेंगे.
उद्धव ठाकरे ने पहले घोषणा की थी कि वह 22 जनवरी को अपनी पार्टी के नेताओं और पदाधिकारियों के साथ नासिक स्थित प्रतिष्ठित कालाराम मंदिर जाएंगे और गोदावरी नदी के तट पर ‘महा आरती’ करेंगे. इसके एक दिन बाद यानी 23 जनवरी को नासिक में पदाधिकारियों के एक सम्मेलन का भी आयोजन होगा जहां ठाकरे एक रैली को भी संबोधित करेंगे. अयोध्या राम मंदिर पर उद्धव ठाकरे ने आगे कहा कि राम मंदिर का निर्माण मेरे पिता का भी सपना था. यह खुशी का क्षण है कि आज मंदिर का निर्माण हो रहा है. हम 22 जनवरी को गोदावरी नदी के तट पर आरती करेंगे.
उद्धव ठाकरे ने कहा कि गुजरात में सोमनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार के बाद औपचारिक पुनरुद्धार समारोह देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने किया था. उन्होंने कहा,’यह (अयोध्या राम मंदिर) राष्ट्र के गौरव और देश के स्वाभिमान का मामला है तो प्राण-प्रतिष्ठा समारोह राष्ट्रपति मुर्मू द्वारा किया जाना चाहिए.’ ठाकरे ने कहा कि 1992 में ‘कार सेवा’ का हिस्सा रहे शिवसैनिकों को भी नासिक में सम्मानित किया जाएगा.
बता दें कि राम मंदिर ट्रस्ट के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भेंट की और उन्हें अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए औपचारिक निमंत्रण दिया. इस प्रतिनिधिमंडल में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेता रामलाल और राममंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा शामिल थे.