उदयनिधि स्टालिन ने फिर दिया बयान, कहा- मैं सभी मामलों का कानूनी रूप से करूंगा सामना

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सनातन धर्म को लेकर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और राज्य सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने विवादित बयान दिया था। उन्होंने सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना वायरस से करते हुए कहा था कि इसे खत्म कर देना चाहिए। उदयनिधि स्टालिन के इस बयान की देशभर में आलोचना हो रही है। उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ उत्तर प्रदेश में केस भी दर्ज किया गया है। चौतरफा घिर चुके स्टालिन ने कहा है कि वो अपने ऊपर लगे सभी मामलों का कानूनी रूप से सामना करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 9 सालों से भाजपा सरकार के खिलाफ पूरा देश एकजुट हो चुका है। इसी कारण भाजपा नेताओं द्वारा टीएनपीडब्ल्यूएए सम्मेलन में मेरे भाषण को ‘जनसंहार के लिए उकसाने वाला’ बताया गया है। उन्होंने मेरे भाषण को अपनी सुरक्षा के लिए हथियार बना लिया है।

उदयनिधि स्टालिन ने फिर दिया बयान

उदयनिधि स्टालिन ने अपने आधिकारिक लेटरपैड पर के जरिए बयान साझा करते हुए कहा कि आश्चर्य की बात यह है कि केंद्र सरकार के मंत्री थिरू (स्टालिन) जैसे हैं। अमित शाह और भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री फर्जी खबरों के आधार पर मेरे खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। सम्मानजनक पदों पर पहते हुए मेरे नाम की बदनामी फैलाने को लेकर मुझे ही उन लोगों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज कराने चाहिए। स्टालिन ने कहा, ‘मैं जानता हूं कि भाजपा के नेताओं के जीवित रहने का यही तरीका है। जिंदा कैसे रहना है वे नहीं जानते हैं, इसलिए मैंने ऐसा नहीं करने का फैसला लिया है।’

उदयनिधि स्टालिन ने आगे कहा कि सब जानते हैं कि हम (डीएमके) किसी भी धर्म के दुश्मन नहीं हैं। मैं डीएमके संस्थापक पेरारिग्नर अन्ना के राजनीतिक उत्तराधिकारियों में से एक हूं। आईए हम पेरियार, अन्ना, कलैगनागर और पेरासिरियार की विचारधाराओं की जीत के लिए काम करने का संकल्प लें। सामाजिक न्याय को हमेशा के लिए पनपने दें। बता दें कि उदयनिधि स्टालिन अपने बयान के बाद से ही चौतरफा घिरे हुए हैं। भाजपा व अन्य कई दलों तथा सनातन धर्म के संगठनों और संतों द्वारा उदयनिधि को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।

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