केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने योजनाओं के क्रियान्वयन की मौजूदा स्थिति की बारीकी से समीक्षा की
केंद्रीय पंचायती राज और मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने आज पंचायती राज मंत्रालय की विभिन्न गतिविधियों, पहलों और योजनाओं तथा कार्यक्रमों के कार्यान्वयन रणनीतियों पर विस्तार से चर्चा करने के लिए एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में केंद्रीय पंचायती राज और मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री प्रो. एस. पी. सिंह बघेल ने भाग लिया। पंचायती राज मंत्रालय के सचिव विवेक भारद्वाज ने मंत्रालय की पहलों और प्रयासों का व्यापक अवलोकन किया, जिसमें प्रमुख हस्तक्षेपों और प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर प्रकाश डाला गया।
केंद्रीय मंत्री को पंचायती राज मंत्रालय द्वारा शुरू की गई योजनाओं और पहलों के बारे में जानकारी दी गई। केंद्रीय मंत्रियों ने सभी योजनाओं के कार्यान्वयन की मौजूदा स्थिति की बारीकी से समीक्षा की और भविष्य की कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा की। ब्रीफिंग मीटिंग में अतिरिक्त सचिव डॉ. चंद्र शेखर कुमार, संयुक्त सचिव आलोक प्रेम नागर, संयुक्त सचिव विकास आनंद, संयुक्त सचिव राजेश कुमार सिंह, संयुक्त सचिव एवं वित्तीय सलाहकार तनुजा ठाकुर खलखो, आर्थिक सलाहकार डॉ. बिजय कुमार बेहरा, मुख्य लेखा नियंत्रक अखिलेश झा सहित पंचायती राज मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
बैठक के दौरान, केंद्रीय पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने सभी हितधारकों के सामूहिक प्रयासों का लाभ उठाने के महत्व पर जोर दिया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारत सरकार की पहलों का ग्रामीण क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर परिवर्तनकारी और उल्लेखनीय प्रभाव हो। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी हितधारकों के समन्वित और ठोस प्रयासों से, पंचायती राज मंत्रालय प्रधानमंत्री के विकसित भारत विजन के अनुरूप सभी पहलों और हस्तक्षेपों के लक्षित उद्देश्यों को प्राप्त करने में सफल होगा। केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने सभी योजनाओं को एक निश्चित समय सीमा के भीतर लागू करने के संबंध में निर्देश और सुझाव भी दिए।
केंद्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री प्रो. एस. पी. सिंह बघेल ने अपने अमूल्य विचार साझा किए और सुझाव दिया कि पंचायती राज संस्थाओं द्वारा पारदर्शिता और दक्षता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करने, योजनाओं के उचित कार्यान्वयन और सेवाओं की डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी और ऐप-आधारित वास्तविक समय की निगरानी को अत्यधिक प्रभावी बनाया जाना चाहिए।
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