बाढ़ पीड़ितों के लिए केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने किया बड़ा ऐलान
केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने बुधवार को लखीसराय में बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की. गंगा के बाढ़ से बिहार में पटना से भागलपुर तक सभी जिलों में हजारों लोग प्रभावित हुए हैं. मुंगेर सांसद और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात कर उन्हें हर प्रकार का सहयोग देने का भरोसा दिलाया. उन्होंने वहां चल रहे सामुदायिक किचन में खाने की सामग्री और उसकी गुणवत्ता का जायजा लिया. साथ ही बाढ़ पीड़ितों के बीच कपड़े भी बांटे और बर्तन मुहैया कराने की बात की. साथ ही बाढ़ से अपना घर गंवाने वाले लोगों को उन्होंने आश्वस्त किया कि सभी को मकान बनाने में सरकार की ओर से सहयोग किया जाएगा. पानी उतरने के बाद सर्वे किया जाएगा. इस दौरान उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा से भी उन्होंने मुलाकात की और जिले में बाढ़ पीड़ितों को उपलब्ध कराए जा रहे कार्यों पर चर्चा की.
दरअसल, गंगा के बाढ़ से बेहाल बिहार के लिए राहत भरी खबर है. पिछले करीब एक सप्ताह से खतरे के निशान के ऊपर बह रही गंगा नदी के जलस्तर में बुधवार को पटना में बड़ा बदलाव देखा गया. पटना में गंगा नदी खतरे के निशान से नीचे आ गई है. हालांकि इसके बाद भी उफनती गंगा से पटना से भागलपुर तक बाढ़ का खतरा बरकरार है. गंगा नदी का जलस्तर बुधवार सुबह 8 बजे पटना के दीघाघाट पर 50.11 मीटर रिकॉर्ड किया गया जबकि यहां खतरे का लेवल 50.45 मीटर है. वहीं गांधी घाट पर खतरे का स्तर 48.60 मीटर है लेकिन यहां गंगा 48.87 मीटर के जलस्तर पर बह रही है. इन दोनों जगहों पर जलस्तर खतरे के निशान के नीचे आ चुका है.
हालांकि पटना के पूर्वी छोर मोकामा के हथिदह में अभी भी गंगा खतरे के निशान के लेवल से मामूली स्तर पर ऊपर बह रही है. हथिदह में गंगा के खतरे का स्तर 41.76 मीटर है जबकि यहां बुधवार को जलस्तर 42.62 मीटर रिकॉर्ड किया गया. इसके अलावा मुंगेर और भागलपुर में भी गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर बना हुआ है. इससे गंगा के बहाव क्षेत्रों वाले जिलों में अभी भी गंगा के बाढ़ का असर बरकरार है. पटना, छपरा, वैशाली, लखीसराय, बेगूसराय, मुंगेर, भागलपुर आदि जिलों में गंगा के बाढ़ से हजारों लोग अभी भी बेहाल हैं.
पिछले करीब एक सप्ताह से इन जिलों के दियारा और निचले इलाके के हजारों लोगों को घर गांव छोड़कर उपरी जगहों पर शरण लेना पड़ा है. वहीं गंगा के बाढ़ के कारण इन जिलों में हजारों एकड़ में लगी धान, मक्के और अन्य प्रकार की खरीफ फसलों को भारी नुकसान हुआ है. जल संसाधन विभाग के अनुसार गंगा कि बाढ़ का खतरा अगले 48 घंटे में और ज्यादा कम हो जाएगा. नदी में पानी का आवक कम है जबकि बहिर्गमन ज्यादा तेजी से हो रहा है. इससे नदी के निचले इलाकों को तेजी से राहत मिलेगी. वहीं मानसून की समाप्ति की ओर बढने के कारण आगे आने वाले दिनों में गंगा का जलस्तर नहीं बढ़ेगा.
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