वाराणसी में सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय में वैदिक- थ्री-डी संग्रहालय का निर्माण कराएगी यूपी सरकार

CM Yogi Adityanath in Sampurnanand Sanskrit University in Varanasi 1024x558 1

उत्तर प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में एक वैदिक-थ्री-डी संग्रहालय का निर्माण कराएगी।

मुख्यमंत्री ने सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय का किया निरीक्षण

इसी क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को वाराणसी स्थित सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय का निरीक्षण किया।

वैदिक-थ्री-डी म्यूजियम में क्या होगा खास ? 

बताना चाहेंगे यह संग्रहालय भारतीय ज्योतिष, खगोल विज्ञान और वैदिक साहित्य को समर्पित होगा। मुख्यमंत्री ने कल रविवार काशी विश्वविद्यालय के अपने पहले दौरे के दौरान यह घोषणा की।

पुरातन काल की संग्रहित पौराणिक पांडुलिपियों का मुख्यमंत्री ने किया अवलोकन
मुख्यमंत्री ने परिसर में हो रहे विकास कार्य सहित अन्य गतिविधियों को भी बारीकी से देखा। विश्वविद्यालय के पठन-पाठन सहित अन्य गतिविधियों को कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने मुख्यमंत्री को विस्तार से बताया।

निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों सहित लाइब्रेरी एवं छात्रावासों को भी देखा। लाइब्रेरी में पुरातन काल की संग्रहित पौराणिक पांडुलिपियों का मुख्यमंत्री ने अवलोकन किया।

एक दिवसीय दौरे पर शहर में आए मुख्यमंत्री को विश्वविद्यालय परिसर में देख विद्यार्थी भी खुश दिखे। मुख्यमंत्री को बताया गया कि भारतीय ज्ञान परम्परा के अति प्राचीन केंद्र सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक मुख्य भवन में वैदिक वांग्मय के क्रमिक विकास पर 3-डी म्यूजियम का निर्माण किया जाएगा। जिसमें 16 संस्कारों, 64 कलाओं, 18 विद्या स्थान को विस्तृत रूप दिया जाएगा ।

इस दौरान राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय, चौकाघाट को पुनः इस संस्था के संकाय के रूप में परिवर्तित करने के प्रस्ताव को स्वीकार किया।

मुख्यमंत्री ने दिये यह निर्देश

मुख्यमंत्री ने कुलपति के प्रस्ताव पर परिसर स्थित 234 वर्षीय मुख्य भवन के अंदर का अवलोकन कर भारतीय नक्षत्र विद्या, भारतीय खगोल विद्या, भारतीय ऋषियों द्वारा किए गए कार्यो के ऊपर म्यूजियम बनाये जाने तथा शास्त्रार्थ को इसी भवन में कराये जाने का भी निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक सरस्वती भवन में संरक्षित दुर्लभ पांडुलिपियों में “रास पंचाध्यायी”, भागवतगीता एवं दुर्गासप्तशती (विशेष कपड़े में लिखी गई) जो कि स्वर्ण अक्षरों एवं स्वर्ण कलाओं से युक्त है, देखकर भाव विभोर हुए। उन्होंने भारतीय संस्कृति के धरोहर को संरक्षित करने के अभियान को निरन्तर जारी रखने तथा विश्वविद्यालय द्वारा किये जा रहे इस प्रयास की सराहना भी की।

मुख्यमंत्री ने विस्तार भवन में भारत सरकार के सहयोग से राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन के द्वारा पांडुलिपियों के संरक्षण के कार्यों का भी अवलोकन किया। छात्रावासों का भी निरीक्षण करते हुए क्रमश: शोध छात्रावास एवं गंगानाथ झां छात्रावास जाकर देखा, भौतिक रूप से गंगानाथ झां छात्रावास का सूक्ष्मता से निरीक्षण किए।

Kumar Aditya: Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.