जमुई सदर अस्पताल में इलाज के दौरान एक कैदी की मौत हो गई। जेल प्रशासन ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। जिसके बाद लोगों का गुस्सा अचानक फूट पड़ा। कैदी की मौत से गुस्साएं लोगों ने जमकर हंगामा मचाया। बुधवार की सुबह सैकड़ों ग्रामीणों ने झाझा-गिद्धौर मुख्य मार्ग को संसारपुर के पास जाम कर दिया। सुबह 6 से 10:00 तक सड़कों पर गाड़ियों की लंबी कतारें लग गयी। चार घंटे से लगे जाम को छुड़ाने के लिए मौके पर पहुंची पुलिस पर ग्रामीणों ने पथराव कर दिया।
इस दौरान थाना अध्यक्ष समेत 5 पुलिसकर्मी घायल हो गए। आक्रोशित लोगों ने पुलिस की दो गाड़ियों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। लोगों को पुलिस शांत कराने की कोशिश कर रही थी लेकिन लोग मानने को तैयार नहीं थे जिसके बाद पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर स्थिति पर काबू पाया। ग्रामीणों के हमले में एक थानाअध्यक्ष, एसआई और दो सिपाही घायल हो गये।
घायल पुलिस कर्मियों में गिद्धौर थाने के थानाध्यक्ष ब्रिज भूषण सिंह, एसआई आयुषी, एसआई नीरज कुमार, सिपाही हर्ष कुमार और महिला नीलू कुमारी शामिल हैं। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में हैं। मृतक कैदी की पहचान गिद्धौर थाना क्षेत्र के संसारपुर गांव निवासी 32 वर्षीय प्रदीप यादव के रूप में हुई है। एससी-एसटी मामले में उसने 14 दिसंबर को न्यायालय में आत्मसमर्पण किया था।
जमुई जेल में कैदी की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी सोमवार देर रात सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मंगलवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। एसडीपीओ सतीश सुमन ने बताया कि सूचना मिली थी कि 100 से 150 ग्रामीणों ने एनएच जाम कर रखा है। थानाध्यक्ष मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाने का प्रयास किये तब लोगों ने पुलिस की टीम पर हमला बोल दिया। ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव किया है और भीड़ ने पुलिस पर फायरिंग भी की थी। फिलहाल पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी है।