UPSC: लॉ ग्रेजुएट, लंदन में नौकरी, घर में रहकर की तैयारी, पहले ही प्रयास में बनीं IAS अधिकारी; पढ़े सफलता की कहानी
यूपीएससी रिजल्ट के साथ ही हमारे सामने कई मोटिवेशनल स्टोरी भी आने लग जाती हैं। इस बार जानिए एक ऐसी लड़की की कहानी, जिसने स्कूल-कॉलेज की हर परीक्षा में टॉप किया. कई गोल्ड मेडल जीतकर वह अपने कॉलेज की शान बनीं और फिर लॉयर का फर्ज निभाने लंदन चली गईं. वहां से वापिस आकर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की और उसमें भी सफल हो गईं।
पढ़िए श्रद्धा गोमे की पूरी सक्सेस स्टोरी
श्रद्धा गोमे ने 26 साल की उम्र में यूपीएससी परीक्षा पास की है (Shraddha Gome IAS Age). वह मध्य प्रदेश के इंदौर की रहने वाली हैं. उनके पिता रमेश कुमार गोमे रिटायर्ड एसबीआई अफसर हैं और मां वंदना होममेकर हैं. उनके भाई रोहित गोमे भी वकालत की पढ़ाई कर रहे हैं. उन्होंने 10वीं और 12वीं की परीक्षा CBSE बोर्ड से दी थी. वह दोनों परीक्षाओं में इंदौर टॉपर थीं. स्कूल के दिनों में उन्होंने इंटरनेशनल डिबेट प्रतियोगिता जीती थी. उन्होंने St. Raphael’s H.S. School से पढ़ाई की है.
लॉ एंट्रेंस एग्जाम यानी क्लैट परीक्षा में टॉप करने के बाद उन्हें NLSIU बेंगलुरु में एडमिशन मिल गया था. 2018 में बीए एलएलबी पास करने वाली श्रद्धा गोमे ने इस कोर्स की पढ़ाई के दौरान 13 गोल्ड मेडल जीते थे. ग्रेजुएशन पूरा होते ही उन्हें हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड में बतौर लीगल मैनेजर नौकरी मिल गई थी. तब वह अक्सर लंदन और मुंबई के बीच अप-डाउन करती थीं.
यूपीएससी परीक्षा में श्रद्धा गोमे का ऑप्शनल सब्जेक्ट लॉ था. उन्होंने इंदौर में रहकर सेल्फ स्टडी के जरिए यूपीएससी परीक्षा पास की. इसके लिए उन्होंने यूपीएससी सिलेबस और पिछले 25 सालों के प्रश्न पत्रों को अच्छी तरह से स्टडी किया. ऑनलाइन स्टडी के साथ ही उन्होंने ऑप्शनल विषय के लिए अपने लॉ नोट्स से रिवीजन किया. 2020 में तैयारी के शुरुआती दौर में वह 8-10 घंटे पढ़ाई करती थीं. यूपीएससी प्रीलिम्स और मेंस परीक्षा पास करने के बाद इंटरव्यू की तैयारी के लिए वह दिल्ली आ गई थीं.
दिल्ली में 15 दिनों में उन्होंने कई मॉक इंटरव्यू दिए. उनकी मेहनत रंग लाई और यूपीएससी परीक्षा के पहले ही प्रयास में 60वीं रैंक के साथ आईएएस अफसर बन गईं. उन्हें राजस्थान कैडर अलॉट किया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फिलहाल वह अजमेर में पोस्टेड हैं. यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के दौरान उन्होंने खुद को आइसोलेट नहीं किया था. बस पढ़ाई करते वक्त वह खुद को हर चीज से दूर रखती थीं.
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