किसी ने सच ही कहा है कि अगर मन में कुछ करने का जज्बा हो तो बुरी से बुरी परिस्थिति भी आपके सफलता के मार्ग में बाधा नहीं डाल सकती. आज हम एक ऐसे ही व्यक्ति के बारे में जानेंगे, जिन्होंने गांव में रहकर सेल्फ स्टडी के दम पर ही देश की सबसे कठिन यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास कर डाली और आईएएस ऑफिसर बन गए.
लैंप की रोशनी में बैठ कर करते थे पढ़ाई
दरअसल, हम बात कर रहे हैं, आईएएस ऑफिसर अंशुमन राज की. बता दें कि अंशुमन राज बिहार के बक्सर जिले के एक छोटे से गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने अपनी कक्षा 10वीं तक की पढ़ाई गांव के नवोदय विद्यालय से की थी. कक्षा 10वीं तक की पढ़ाई उन्होंने केरोसिन लैंप की रोशनी में बैठ कर की थी. इसके बाद वे कक्षा 12वीं की पढ़ाई के लिए जेएनवी रांची चले गए.
आम सुविधाओं का था आभाव
अंशुमन राज बेहद ही साधारण परिवार और बैकग्राउंड से आते हैं, उनके पास कभी भी बहुत सुविधाएं नहीं थीं. उन्होंने यूपीएससी की सिविल सेवा की परीक्षा भी अपनी मेहनत और माता-पिता के आशीर्वाद से पास की थी.
दो बार क्रैक की यूपीएससी परीक्षा
बता दें उन्होंने सेल्फ स्टडी के जरिए ही यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने की सोची और पहले ही अटेंप्ट में देश की सबसे कठिन परीक्षा पास भी कर डाली. हालांकि, उनकी रैंक के मुताबिक, उन्हें IRS का पद दिया गया था, लेकिन इस पद को हासिल कर उन्होंने दोबारा परीक्षा देने की सोची क्योंकि उनका असली मक्सद IAS ऑफिसर बनना था. इसके बाद उन्होंने दो बार लगातार यूपीएससी की परीक्षा दी, लेकिन उन्हें इन दोनों ही प्रयासों में सफतला प्राप्त नहीं हुई. हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी तैयारी जारी रखी. साल 2019 में उन्होंने बिना किसी कोचिंग के अपने चौथे अटेंप्ट में यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा दोबारा पास की और ऑल इंडिया 107वीं रैंक हासिल कर अपना IAS बनने का सपना पूरा किया.