UPSC: पढ़ाई के लिए पैसे कम पड़ने लगे तो मां ने रेस्‍टोरेंट व विवाह समारोह में रोटी बेलने का काम किया; बेटे ने IPS बन रचा इतिहास

Safin Hasan

गुजरात के रहने वाले 22 साल के सफीन हसन ने यूपीएससी की परीक्षा 570वीं रैंक के साथ पास की थी. वह साल था 2017, उसके बाद आईपीएस के लिए उनकी ट्रेनिंग शुरू हुई. उन्हें गुजरात कैडर मिला. आईपीएस की ट्रेनिंग के लिए हैदराबाद गए. ट्रेनिंग पूरी हुई तो गुजरात में जामनगर जिले से पुलिस उपाधीक्षक का पदभार मिला.

ऑफिसर बनने का यह सफर आसान नहीं था, उन्हें बहुत मेहनत करनी पड़ी. यहां तक कि कई रातें भूखे गुजारीं. उनके माता-पिता दोनों हीरा श्रमिक रहे हैं. पिता की नौकरी चली गई थी तो मां ने रोटियां बेलकर हसन की पढ़ाई का खर्चा निकाला.

जब पढ़ाई के लिए पैसे कम पड़ने लगे तो मां नसीम बानो ने रेस्‍टोरेंट व विवाह समारोह में रोटी बेलने का काम किया. वे पिता मुस्‍तफा के साथ हीरे की एक यूनिट में थीं, हालांकि कुछ सालों बाद माता-पिता दोनों की वो नौकरी चली गई. फिर, जैसे-तैसे घर का खर्च चलाया.

हमें कई रात खाली पेट भी सोना पड़ा. यूपीएससी का पहले अटेंप्ट देते वक्त एक्सीडेंट हो गया था. बावजूद इसके साल 2017 यूपीएससी एग्जाम में 570रैंक हासिल कर की और आईपीएस का सफर तय किया”

”हीरा यूनिट में नौकरी खोने के बाद हसन की मां जहां रोटी बेलने का काम करती थीं, वहीं, पिता ने इलेक्ट्रिशियन का काम शुरू कर लिया. वह सर्दियों में अंडे और चाय का ठेला भी लगाते थे. मैं अपनी मां को सर्दियों में भी पसीने से भीगा हुआ देखता था. किचन में पढ़ाई करता था.”

हसन सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं. इंस्टाग्राम पर उनके 7.78 लाख से ज्यादा फॉलोअर हो गए. इसके अलावा वे खुद 1,100 लोगों को फॉलो करते हैं.

हसन ने बताया कि जब हम दिल्ली आए थे तो गुजरात के पोलरा परिवार ने 2 साल तक हमारा खर्च उठाया. वही, लोग मेरी कोचिंग की फीस भी देते थे. उन दिनों जब यूपीएससी के एग्जाम शुरू हुए थे, तो मेरा एक्सीडेंट हो गया था. हालांकि, जिस हाथ से मैं लिखता था वह सही-सलामत था. एग्जाम देने के बाद मुझे अस्पताल में भर्ती तक होना पड़ा था.”

Kumar Aditya: Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.
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