बिहार का वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट एनडीए के खाते में चला गया है. यहां से एनडीए प्रत्याशी सुनील कुमार ने जीत हासिल की है. एनडीए ने लगातार पांचवीं बार यहां अपनी जीत दर्ज की है. वहीं, एनडीए की जीत की खुशी में पार्टी कार्यकर्ता जीत का जश्न मना रहे हैं. सुनील कुमार को फूल माला पहना गुलाल अबीर लगा रहे हैं. साथ ही एक दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दे रहे हैं।
पांचवी बार एनडीए की जीत: दरअसल, वाल्मीकीनगर संसदीय सीट पर परिसीमन में बदलाव के बाद एनडीए ने लगातार पांचवीं बार जीत दर्ज की है. मंगलवार सुबह मतगणना शुरू होने के बाद से ही सुनील कुमार कुशवाहा ने लगातार बढ़त बनाए रखी और अंत में भारी मतों से जीत दर्ज की है।
आदिवासी मतदाता वोट चेंजर: इस बार के चुनाव में एक बार फिर आदिवासी मतदाता वोट चेंजर साबित हुए और आदिवासी बहुल इलाकों से तकरीबन 25000 मतों से सुनील कुमार आगे रहे, जिसका नतीजा यह हुआ कि जदयू ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और एक बड़े मार्जिन से जीत हासिल की।
“मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विकास के नाम पर लोगों ने वोट दिया है और पीएम मोदी के विकासात्मक कार्यों के पक्ष में मतदान हुआ है. अब वे क्षेत्र में बचे हुए कई कार्य योजनाओ को मूर्त रूप देंगे और संसदीय क्षेत्र का विकास करेंगे.” -सुनील कुमार, एनडीए प्रत्याशी
6 विधानसभा सीटों में 5 पर NDA का कब्जा: वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट के अंतर्गत कुल 6 विधानसभा क्षेत्र हैं.वाल्मीकि नगर, रामनगर,नरकटियागंज, बगहा, लौरिया और सिकटा. इन 6 विधानसभा सीटों में से 5 पर NDA का कब्जा है जबकि सिकटा पर सीपीआईएमएल का कब्जा है।
प्रवेश ने मुकाबले को बनाया था त्रिकोणीय: वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट पर मुख्य मुकाबला तो जेडीयू कैंडिडेट सुनील कुमार कुशवाहा और आरजेडी के दीपक यादव के बीच ही था. लेकिन कांग्रेस नेता प्रवेश मिश्रा के मैदान में आ जाने से मुकाबला रोचक बन गया था. प्रवेश मिश्रा ने 2020 का उपचुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़ा था और सुनील कुशवाहा को कड़ी टक्कर दी थी. हालांकि इसका कोई खास असर नहीं पड़ा और आखिरकार यह सीट एनडीए के पाले में जा गिरी है।