नये साल 2024 में भागलपुर से भी चलेगी वंदे भारत, स्मार्ट हो जाएगा भागलपुर स्टेशन

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रेलवे बोर्ड ने बिहार को वंदे भारत एक्सप्रेस के साथ ही वंदे मेट्रो की भी सौगात दी है. यह वंदे मेट्रो ट्रेन भागलपुर से देवघर व पटना से गोड्डा के बीच चलाई जाएगी. इन ट्रेनों का परिचालन सप्ताह में छह दिन के लिए किया जा सकता है. बता दें कि वंदे मेट्रो ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस का ही छोटा स्वरूप है. इस ट्रेन का परिचालन कम दूरी के शहरों को जोड़ने के लिए प्रस्तावित है.

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Vande Bharat Train: बिहार को दो नई वंदे भारतए क्सप्रेस और तीन वंदे मेट्रो ट्रेन की सुविधा मिलने जा रही है। रेलवे बोर्ड ने पटना से मालदा और गया से हावड़ा के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन चलाने की मंजूरी दे दी है। इसके अलावा राज्य में तीन वंदे मेट्रो ट्रेनें भी चलाई जाएंगी। इनका परिचालन जमालपुर से मालदा, भागलपुर से हावड़ा और भागलपुर से देवघर के बीच होगा। इसके अलावा बनारस से आसनसोल के बीच भी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन चलाई जाएगी, जो बिहार से होकर गुजरेगी। पूर्व रेलवे जल्द ही इन ट्रेनों के परिचालन की तारीख घोषित करेगा।

इसी साल जुलाई महीने में भागलपुर रेलखंड पर वंदेे भारत और वंदेेे भारत मेट्रो के लिए एक पत्र संबंधित यार्ड और स्टेशन के अधिकारियों को आया था। तीन वंदेेे मेट्रो ट्रेन चलाने की कवायद हो रही है जिसमें भागलपुर-देवघर बंदे मेट्रो, मालदा-जमालपुर वंदेे मेट्रो, भागलपुर-हावड़ा वंदेे मेट्रो है। इसके अलावा भागलपुर होकर एक वंदेे भारत मालदा-पटना के बीच चलाने की कवायद हो रही है। ये सभी ट्रेनें सप्ताह में 6 दिन चलाने की बात है। मालदा मंडल मुख्यालय के एक अधिकारी के अनुसार इसके लिए रैक कब मिलेगी इसकी जानकारी हेडक्वार्टर से नहीं मिली है।

वंदे भारत ट्रेन में क्या है सुविधा

वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन मात्र 52 सेकंड में 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ लेती है. सभी वंदे भारत ट्रेन पूरी तरह से वातानुकूलित है और उसमें स्वचालित दरवाजे हैं. वंदे भारत ट्रेन के चेयर को 180 डिग्री तक रोटेट किया जा सकता है. ट्रेन में जीपीएस आधारित इंफार्मेशन सिस्टम, सीसीटीवी कैमरे, वैक्यूम टॉयलेट के अलावा कई तरह की अन्य सुविधाएं हैं.

भारत की पहली ट्रेन जिससे जुड़ा होता है इंजन

यह भारत की पहली ट्रेन है, जिसमें मेट्रो या बुलेट ट्रेन में भी इंजन ट्रेन से ही जुड़ा होता है. अन्य ट्रेनों में इंजन अलग से जोड़ा जाता था. यह भी एक कारण है कि यह ट्रेन शताब्दी एक्सप्रेस से भी ज्यादा तेज चलती है. यह 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार सिर्फ 54.6 सेकेंड्स में पकड़ सकती है और अपनी अधिकतम रफ्तार तक केवल 145 सेकेंड्स में पहुंच सकती है.

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