देश की सबसे खूबसूरत और आधुनिक ट्रेन कश्मीर की हसीन वादियों में जल्द दौड़ती दिखाई देगी. रेलवे ने सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस को कश्मीर में दौड़ाने का मन बना लिया है. यह देश की 49वीं वंदे भारत ट्रेन होगी. इसे उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेलवे लाइन (USBRL) पर चलाया जाएगा.
ट्रायल रन हुआ सफल
उत्तर रेलवे ने पिछले हफ्ते ही जम्मू एवं कश्मीर के रामबाण जिले में बनिहाल और खारी रेलवे स्टेशनों के बीच यूएसबीआरएल का ट्रायल रन किया, जो कि सफल रहा है. रिपोर्टों के मुताबिक, इसके साथ ही इस ट्रैक पर वंदे भारत चलाने का फैसला भी ले लिया गया है. आठ डिब्बों वाली यह इलेक्ट्रिक ट्रेन केंद्रशासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस होगी.
यात्रियों को क्या होगा फायदा
रेलवे लाइन से जुड़ जाने पर जम्मू से श्रीनगर तक रास्ता सिर्फ 3.5 घंटे का रह जाएगा. साथ ही हर मौसम में यात्री सुरक्षित, दर्शनीय और आरामदायक सफर का आनंद ले सकेंगे. साथ ही कश्मीर के किसान भी सेब समेत कई अन्य फसलों को आसानी से देश के अन्य हिस्सों में पहुंचा सकेंगे. इसके अलावा चेनाब ब्रिज सहित कई अन्य जगहों पर टूरिज्म की संभावनाएं भी तलाशी जा रही हैं.
रेलवे से जुड़ेगा कश्मीर
इसी साल मार्च में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ऐलान किया था कि यूएसबीआरएल का काम दिसंबर, 2023 या जनवरी, 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा. इसके बाद जम्मू से श्रीनगर के बीच एक वंदे भारत एक्सप्रेस को चलाया जाएगा. 26 मार्च को अश्विनी वैष्णव ने चेनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज पर बिछाए गए ट्रैक पर ट्रॉली से सफर किया था. उनके साथ रेलवे के अधिकारी भी मौजूद थे.
आर्च ब्रिज की चेनाब नदी से ऊंचाई 359 मीटर
इस शानदार आर्च ब्रिज की चेनाब नदी से ऊंचाई 359 मीटर है, जो कि पेरिस के एफिल टावर से भी ज्यादा है. इस दौरे पर रेल मंत्री ने कश्मीर के बडगाम में वंदे भारत एक्सप्रेस के लिए मेंटेनेंस फैसिलिटी और जम्मू में इंजीनियरों के लिए स्पेशल ट्रेनिंग एकेडमी खोलने का ऐलान भी किया था.
यूएसबीआरएल का क्या है महत्त्व
उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक प्रोजेक्ट (USBRL) एक 272 किमी लंबा रेलवे ट्रैक है. यह जम्मू को कश्मीर घाटी से जोड़ देगा. इस प्रोजेक्ट में 38 टनल (119 किमी) बनाई गई हैं. इनमें सबसे लंबी टनल टी-49 है, जिसकी लंबाई 12.75 किमी है. यह देश की सबसे लंबी सुरंग है. साथ ही इस ट्रैक पर 927 पुल (13 किमी) भी बने हैं. इसी ट्रैक पर रेलवे का पहला केबल ब्रिज भी अंजी खाड में बन रहा है.