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पटना से जुड़ेगा वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेस-वे

ByKumar Aditya

फरवरी 8, 2025
Buxar Bhagalpur Expressway scaled

वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस-वे का राजधानी पटना से दो छोड़ से सीधा जुड़ाव होगा। पथ निर्माण विभाग ने पटना-गया-डोभी और पटना-आरा-सासाराम को वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस-वे से जोड़ने का निर्णय लिया है। विभाग ने इस दिशा में कार्रवाई शुरू कर दी है। जल्द ही विभाग की ओर से इसका औपचारिक प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।

विभागीय सूत्रों के अनुसार अभी पटना से गया होते हुए डोभी तक फोर लेन सड़क का निर्माण कार्य जारी है। इसका एक लेन बनकर तैयार हो गया है। दूसरा लेन जल्द ही बन जाएगा, लेकिन इसका जुड़ाव वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस-वे से नहीं है। चूंकि वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस-वे से उत्तरप्रदेश से बिहार होते हुए झारखंड और बंगाल तक आना-जाना आसान होगा। इसलिए विभाग ने तय किया है कि पटना-गया-डोभी को वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस-वे से जोड़ दिया जाए। डोभी से हंटरगंज तक जाने वाली सड़क में गोसाईडीह के समीप पटना-गया-डोभी का वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस-वे से जुड़ाव होगा। इन दोनों सड़कों को जोड़ने के लिए लगभग 11 किलोमीटर फोर लेन सड़क बनाई जाएगी।

 

इसी तरह अभी पटना से आरा होते हुए सासाराम तक बनने वाली फोर लेन सड़क का निर्माण पटना के सदीसोपुर से शुरू होकर सासाराम तक होना है। पथ निर्माण विभाग ने इस सड़क को भी वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस-वे से जोड़ने का निर्णय लिया है। सासाराम से इस एक्सप्रेस-वे का जुड़ाव तिलौथू में होगा। इसके लिए लगभग 10 किलोमीटर चार लेन सड़क का निर्माण किया जाएगा। वहीं पटना छोर में पटना-आरा-सासाराम की शुरुआत सदीसोपुर के बदले पटना एम्स गोलम्बर से होगी। सदीसोपुर से एम्स तक 10 किलोमीटर का चार लेन सड़क निर्माण होगा। पटना के अनीसाबाद मोड़ से एम्स गोलम्बर तक एलिवेटेड रोड का निर्माण होना है। इस तरह पटना से अनीसाबाद होते हुए एम्स के बाद सदीसोपुर होते हुए पटना-आरा-सासाराम के बाद वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस-वे तक का सफर आसान हो जाएगा। पटना के लोग गया होते हुए झारखंड या बंगाल तो आरा-सासाराम होते हुए उत्तरप्रदेश और दिल्ली की ओर आसानी से आ-जा सकेंगे।

यह होगा फायदा

बिहार के लोगों के लिए यूपी, झारखंड और बंगाल आना-जाना आसान होगा। छह लेन के इस एक्सप्रेस-वे के बनने से वाराणसी से कोलकाता की दूरी 14 घंटे के बदले मात्र सात घंटे में पूरी की जा सकेगी। आवागमन के साथ ही यूपी, झारखंड व पश्चिम बंगाल के बीच बिहार के व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। विशेषकर हल्दिया बंदरगाह तक मालों की आवाजाही आसान होगी।


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