फेस्टिव सीजन में विधानसभा सत्र रखे जाने से भड़के विजय सिन्हा, नीतीश सरकार को बताया हिंदू विरोधी

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पटना: नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि सरकार ने जनहित के मुद्दों को रोकने और सदन में नहीं उठाने देने के लिए बिहार विधानसभा के आगामी सत्र को छोटा कर दिया है. विधायिका को महत्वहीन और अपमानित करना सरकार की आदत बन गई है. सरकार ने विधानसभा का कार्यक्रम जारी कर संदेश दिया है कि सनातन धर्म के पर्व त्योहार की इन्हें चिंता नहीं है. सामान्य रूप से यह सत्र दीपावली और छठ पर्व के बाद नवंबर के अंतिम सप्ताह अथवा दिसंबर के पहले पखवाड़े में संपन्न होता था, लेकिन इस बार सरकार ने तुष्टिकरण की नीति पर हिंदुओं के पर्व त्योहारों की उपेक्षा की है।

विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि 6 से 10 नवंबर तक के लिए बनाए गए सत्र के कार्यक्रम में पूर्व की भांति एक बार गृह, सामान्य प्रशासन, मंत्रिमंडल सचिवालय जैसे महत्वपूर्ण विभागों से प्रश्न नहीं पूछे जा सकेंगे. ये सभी विभाग मुख्यमंत्री के अधीन है. राज्य में बढ़ रही हत्या, लूट, डकैती, दुष्कर्म और अपहरण जैसे मामलों में प्रश्न नहीं पूछे जाएंगे क्योंकि ये गृह विभाग से संबंधित हैं और यह मुख्यमंत्री के अधीन है।

वहीं, इस बार सत्र के कार्यक्रम को 17 अक्टूबर की शाम में जारी किया गया है. यह तिथि दुर्गा पूजा की तृतीया तिथि थी. पक्ष-विपक्ष के सभी विधायक अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में पूजा की व्यवस्था देख रहें हैं।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विधानसभा कार्यालय 21 से 24 अक्टूबर तक बंद है. 25 अक्टूबर को ही 3 बजे अपराह्न तक शिक्षा, उत्पाद मद्य निषेध, ग्रामीण कार्य, ग्रामीण विकास, भवन निर्माण, जल संसाधन, पथ निर्माण जैसे अति महत्वपूर्ण विभागों के प्रश्न डालने की तिथि है. अधिकांश विधायक प्रश्न डालने से वंचित हो जाएंगे क्योंकि 24 अक्टूबर को विजयादशमी के अगले दिन समय पर पटना आना संभव नहीं है. सरकार अपनी मंशा में सफल होगी।

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