बांग्लादेश की राजधानी ढाका समेत कई शहरों में जमकर बवाल मचा हुआ है। प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर हजारों छात्र सड़क उतर गए। पुलिस और सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ प्रदर्शकारियों की झड़प हुई। इस दौरान पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और जमकर लाठियां बरसाईं। इस हिंसक झड़प में अबतक 100 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें 14 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। इसे लेकर सरकार ने अनिश्चितकालीन राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू लगा दिया। भारत सरकार ने भारतीयों के लिए एडवाइजरी जारी की।
भारत ने जारी की एडवाइजरी
मोदी सरकार ने बांग्लादेश में अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की। सरकार ने भारतीयों को सावधानी बरतने और आवाजाही सीमित रखने की सलाह दी। साथ ही भारत ने लोगों को अगले आदेश तक बांग्लादेश की यात्रा न करने को कहा। बांग्लादेश में मौजूद भारतीयों के लिए आपातकालीन फोन नंबर +8801958383679, +8801958383680 और +8801937400591 जारी किया गया है। इन फोन नंबरों से ढाका में स्थित भारतीय उच्चायोग से संपर्क किया जा सकता है।
बांग्लादेश में इंटरनेंट सेवाएं बंद
विरोध प्रदर्शन को लेकर शेख हसीना की सरकार ने इंटरनेट सेवाएं बंद कर दीं। द डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, मोबाइल फोन ऑपरेटरों के अधिकारियों ने कहा कि उन्हें 4जी सेवाएं बंद करने का आदेश मिला है। ब्रॉडबैंड कनेक्शन से सस्पेंड कर दिया गया है।
शेख हसीना ने विपक्षी दलों पर हिंसा भड़काने का लगाया आरोप
प्रधानमंत्री शेख हसीना ने हिंसा भड़काने के लिए विपक्षी दलों को दोषी ठहराया। राष्ट्रीय सुरक्षा की बैठक के बाद हसीना ने आरोप लगाया कि जो लोग अभी सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, वे छात्र नहीं हैं, बल्कि आतंकवादी हैं जो देश को अस्थिर करना चाहते हैं। उन्होंने देशवासियों से इन आतंकवादियों को सख्ती से दबाने की अपील की।
जेल में बंद प्रदर्शकारी रिहा किए जाएंगे
सत्तारूढ़ पार्टी अवामी लीग ने घोषणा की है कि प्रधानमंत्री ने हिरासत में लिए गए सभी छात्रों को रिहा करने के लिए कहा है। गृह मंत्री ने कहा कि जो छात्र निर्दोष हैं और जिनके खिलाफ हत्या और बर्बरता जैसे गंभीर अपराधों का कोई आरोप नहीं है, उन्हें रिहा किया जाएगा। जेल में बंद प्रदर्शनकारियों की रिहाई आंदोलनकारियों की प्रमुख मांगों में से एक थी।
जानें सेना प्रमुख ने क्या कहा?
बांग्लादेश सेना प्रमुख वकर-उज-जमान ने एक बयान जारी कर कहा कि बांग्लादेश सेना हमेशा लोगों के साथ खड़ी है और जनता एवं देश के हित में ऐसा करना जारी रखेगी। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि वे प्रदर्शनकारियों का सपोर्ट करते हैं या नहीं।
जानें क्या है पूरा मामला
पिछले कुछ महीनों से बांग्लादेश में छात्र आरक्षण के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांग है कि सरकारी नौकरियों में रिजर्वेशन खत्म होना चाहिए। इसे लेकर पिछले दिनों भी हिंसा हुई थी। प्रदर्शनकारी छात्र एक बार फिर रविवार को उग्र हो गए। उन्होंने कई दफ्तरों और दुकानों पर हमला किया था। कई इलाकों में विस्फोट किए गए और गोलियां चलीं। प्रदर्शनकारियों ने कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। इस पर पुलिस ने भी बल का प्रयोग किया।