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VIP चीफ ने ‘बाल-बच्चे पैदा करने’ वाले बयान पर CM नीतीश को लिखी चिट्ठी, जानें क्या कहा

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सीएम नीतीश कुमार के बयान इन दिनों काफी चर्चा में हैं. उन्होंने आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव पर निजी टिप्पणी की थी. इस बयान के बाद बिहार में खूब बयानबाजी हो रही है. वहीं, इस पर वीआईपी पार्टी ने रविवार को मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उनकी स्वास्थ्य की चिंता की है. वीआईपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने पत्र में लिखा है कि ‘आपकी बढ़ती उम्र और कार्यों के बोझ को देखते हुए मैं सदैव आपके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित रहता हूं. हाल के दिनों में जिस तरह आप सार्वजनिक मंचों से बयान देते रहे हैं, उससे मेरी चिंताएं बढ़ना लाजिमी है.’

आगे पत्र में लिखा है कि ‘अब आप बिहार के मुख्यमंत्री जैसे ऊंचे पद पर काबिज हैं और जब आपके तरफ से कुछ ऐसे बयान दिए जाते हैं, जिसे लोग अपने बच्चों के साथ सुन भी नहीं सकते हैं, तो एक बिहारी होने के नाते कष्ट होता है. दरअसल, आपके शर्मनाक बयानों से बिहार के लोगों को देश और दुनिया में लज्जित और अपमानित होना पड़ता है. अब आप खुद देखिए, कल कटिहार में जिस तरह आप अपने दोस्त और राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद जी और उनकी पत्नी और प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के लिए जिस तरह का बयान दिया, क्या कोई सभ्य व्यक्ति सार्वजनिक मंचों से ऐसा बयान दे सकता है?’

यही नहीं आपने बिहार विधानसभा में भी जिस तरह जनसंख्या नियंत्रण के संदर्भ में महिलाओं को लेकर बयान दिया था, उसे क्या कोई सभ्य समाज के लोग अपने बच्चों के साथ बैठकर सुन सकते हैं? यह अलग बात है कि उस बयान के लिए आपने सार्वजनिक तौर पर माफी मांग ली थी लेकिन, आप हम सभी लोगों के अभिभावक हैं और अभिभावकों को आदर्श मानते हुए लोग आपका अनुकरण करते हैं. क्या आप आने वाली पीढ़ी को ऐसी ही भाषा का ज्ञान देना चाहते हैं?’

वीआईपी के पत्र में आगे लिखा है ‘मुख्यमंत्री जी, हो सकता है कि आपके शुभचिंतक इस ओर आपका ध्यान नहीं ले जाना चाहते होंगे. लेकिन, मै आपका शुभचिंतक हूं, ऐसे में काफी विचार कर एक सलाह देने की कोशिश की है. हो सकता है आपका स्वास्थ्य अब आपका साथ नहीं दे रहा हो और आपको इलाज की जरूरत हो. आज जो आपके राजनीतिक सहयोगी हैं वे भी पहले ऐसी ही सलाह आपको देते रहे थे, लेकिन शायद अब कुछ राजनीतिक लाभ का कारण वे अब यह उचित सलाह नहीं दे पा रहे हैं।

मेरा आपसे आग्रह है कि जिस तरह आप सार्वजनिक मंचों से बयान दे रहे हैं वैसा कोई बीमार व्यक्ति ही बयान दे सकता है. बीमारी कई प्रकार के हो सकते हैं. ऐसे में अनुरोध है कि आप अपना उचित इलाज कराएं, जिससे आपके बयानों के कारण बिहार के लोगों को लज्जित और शर्मिंदा नहीं होना पड़े।


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