उत्तरकाशी सुरंग से बाहर आते ही बोला बिहार के बांका जिले का मजदूर वीरेंद्र किस्कू; यह मेरा दूसरा जन्म है

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उत्तरकाशी सुरंग में 17 दिनों से फंसे कटोरिया प्रखंड के जयपुर निवासी वीरेंद्र किस्कू ने मंगलवार को खुले आसमान के नीचे सांस ली। सुरंग से निकलते ही वीरेंद्र ने कहा कि यह मेरा दूसरा जन्म है। नई जिंदगी मिली है। गांव में अपने बेटे के लिए रोज मंगल कामना कर रही सुषमा हेंब्रम की आंखें भी नम हो गईं। वह बार-बार हाथ जोड़कर बेटे को दोबारा वापस करने के लिए ईश्वर का आभार व्यक्त कर रहीं थीं। उत्तराखंड पहुंचे सुरंग में फंसे वीरेंद्र के भाई रविंदर एवं उनकी पत्नी रजनी टुडू ने भी फोन पर भी खुशी व्यक्त की।

सुरंग के बाहर दिखी महादेव की जलाकृति से जगी उम्मीद

उत्तरकाशी सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को निकालने में बचाव टीम को हर पल चुनौती का सामना करना पड़ रहा था। वीरेंद्र के साथी विकास यादव ने बताया कि सुरंग के सामने से हटाए गए बोकनाथ मंदिर के पीछे सोमवार को दीवार पर पानी के रिसाव से बनी महादेव की आकृति देखने के बाद लोगों का हौसला बढ़ा था। इसके ठीक दूसरे दिन ही सरकार को बड़ी सफलता मिली।

अलर्ट मोड पर थी पूरी रेस्क्यू टीम

सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर धामी एवं केंद्रीय मंत्री वीके सिंह मौके पर मौजूद थे। उनके सामने एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ टीम ने एक-एक मजदूर को टनल से सुरक्षित बाहर निकाला। मजदूरों को बाहर निकालने के पूर्व एंबुलेंस के साथ एयर एंबुलेंस को भी अलर्ट मोड पर रखा गया था। फिलहाल, सभी मजदूरों को चिनियाली साट अस्पताल में स्वास्थ्य जांच के लिए भर्ती कराया गया है।

सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए लगाए गए औगर मशीन का कटर शुक्रवार को लक्ष्य भेदने के पांच मीटर पहले ही पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। इसके बाद प्लाज्मा कटर से पूरे मलबे को साफ किया गया। मैन्युअली सात मीटर सुरंग खोदने के बाद मजदूरों के पास बचाव टीम पहुंच सकी। खतरे की संभावना को देखते हुए फिर छ्ह मीटर पाइप अंदर डालने के बाद मंगलवार देर रात सभी मजदूरों को सकुशल बाहर निकाला गया।

Rajkumar Raju: 5 years of news editing experience in VOB.
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