हिंदुओं को संगठित करेगा विश्व हिंदू परिषद, पूरे भारत में आयोजित होगा युवा साधु-संतों का चिंतन सम्मेलन; धर्मांतरण को रोकने पर भी जोर

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समाज में रीति-रिवाज, परंपराओं की समझ बढ़ाने के लिए विश्व हिंदू परिषद ने नई पहल शुरू की है। संगठन की ओर से युवा साधु-संतों के सात पूरे भारतवर्ष में चिंतन सम्मेलन का आयोजन करवाया जाएगा। युवा साधु-संतों के इस चिंतन शिविर की शुरुआत महाराष्ट्र से शुरू होने जा रही है। इनका मकसद हिंदुओं को संगठित करने के अतिरिक्त समाज से संपर्क करने का होगा।

महाराष्ट्र में पहला सम्मेलन

विश्व हिंदू परिषद ने युवा साधु संतों का सम्मेलन बुलाने की तैयारी को शुरू भी कर दिया है। इसके तहत महाराष्ट्र और गोवा के साधु संतों का सम्मेलन 1 दिसंबर से 3 दिसंबर तक महाराष्ट्र के वासीम जिले के शेगाव में होने जा रहा है। विश्व हिंदू परिषद इसी तरीके का सम्मेलन पूरे भारतवर्ष में साधु संतों का आयोजित करने जा रहा है। सम्मेसन में उन साधु संतों को बुलाया जा रहा है जिनकी उम्र 50 से 55 वर्ष की हो और वह ज्यादा से ज्यादा प्रवास गांव में कर सके और हिंदुओं को संगठित करने का आह्वान कर सके। विश्व हिंदू परिषद के महाराष्ट्र और गोवा के क्षेत्र प्रमुख गोविंद शेंडे ने इस बात की जानकारी दी है।

धर्मांतरण को रोकने पर भी जोर

विश्व हिंदू परिषद के महाराष्ट्र और गोवा के क्षेत्र प्रमुख गोविंद शेंडे ने कहा कि युवा संत चिंतन शिविर के बाद यह युवा साधु-संत समाज से संपर्क करेंगे। संत समाज को रीति-रिवाज, परंपराएं समझाएंगे, उनका आदान-प्रदान करेंगे। धर्मांतरण को रोकना, जो धर्मांतरण कर चुके हैं उनके साथ चिंतन करना, इन विषयों के लेकर जिला, ग्राम तक ले जाना की जिम्मेदारी साधु संतों को दी जाएगी। प्रवास, के दौरान साधु संत कब जाएंगे, किस जिले में जाएंगे तमाम विषयों पर चिंतन किया जाएगा। हिंदुओं को संगठित करने के लिए साधु संत प्रवास करेंगे, युवा संत लोगों को संगठित करने का काम करेंगे। इस काम के लिए लगभग 200 संतो को निमंत्रित किया गया है।

प्रभावशाली लोगों से मिलेंगे

गोविंद शेंडे ने आगे बताया है कि चिंतन शिविर में महाराष्ट्र के हर प्रांत से कुछ संतो को चयन किया गया है। इस तरीके से कुल 200 संतो को चयनित करके इस चिंतन शिवीर ने बुलाया गया है। विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परादे की उपस्थिति में तमाम युवा साधु संतों के चिंतन शिविर में निमंत्रित किया गया है। चयनित 200 संत गांव में जाएंगे, वहां के प्रमुख लोगों से मिलेंगे, मुखिया से मिलेंगे, वहां के स्थानीय साधु संतों से मिलेंगे ,गांव में लोग जिनकी बात मानते हो ऐसा प्रभावशाली व्यक्तियों से मिलेंगे।

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